आंध्र प्रदेश इंजीनियर रेप-मर्डर केस: फांसी की सजा पाए शख्स को SC ने किया बरी, सामने आई ये वजह 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश की 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या के मामले में मौत की सजा पाए व्यक्ति को बरी कर दिया. न्यायमूर्ति बी आर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि उपलब्ध सबूतों के आधार पर चंद्रभान सुदाम सनप के खिलाफ दोषसिद्धि को बरकरार रखना बेहद असुरक्षित होगा. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष की कहानी में बहुत सी खामियां हैं.

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आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम की एक 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर छात्रा क्रिसमस की छुट्टी के बाद 5 जनवरी, 2014 को मुंबई लौटी थी. मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल पर ट्रेन से उतरने के बाद उसे आखिरी बार जीवित देखा गया था. सेलफोन पर उससे संपर्क करने के कई बार असफल प्रयासों के बाद उसके पिता ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की थी.

करीब 10 दिनों तक चले तलाशी अभियान के बाद कंजुरमार्ग इलाके में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के पास झाड़ियों में एक जला और सड़ चुका शव मिला. इसके बाद जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने छात्रा के साथ रेप और मर्डर के आरोप में चंद्रभान सुदाम सनप को गिरफ्तार किया. उस पर चले मुकदमे के दौरान कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई, जिसे उसने हाई कोर्ट में चुनौती दी.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी उसे मिले फांसी के फैसले को बरकरार रखा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को दरकिनार करते हुए कहा कि जिन परिस्थितियों पर भरोसा किया गया, उन्हें एक साथ जोड़कर उसके दोषी होने की एकमात्र परिकल्पना नहीं बनाई जा सकती. सभी तथ्य यह निष्कर्ष निकालने के लिए बाध्य करते हैं कि अभियोजन पक्ष की कहानी में बहुत खामियां हैं. इस मामले में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक कुछ है.

तीन न्यायधिशों की पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है. यही वजह है कि हम इस एकमात्र निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए बाध्य हैं कि अपीलकर्ता उन अपराधों का दोषी नहीं है, जिनके लिए उस पर आरोप लगाया गया है. साल 2015 में कोर्ट ने मुंबई की एक प्रमुख आईटी फर्म में कार्यरत महिला के रेप-मर्डर के लिए सनप को फांसी की सजा दी थी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 5 जनवरी 2014 को पीड़िता अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताने के बाद आंध्र प्रदेश में अपने मूल निवास से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल पर पहुंची. सुबह 5 बजे वो स्टेशन के बाहर चंद्रभान सुदाम सनप से मिली. उसने उसे 300 रुपए के बदले अपनी मोटरसाइकिल पर उपनगरीय अंधेरी में वाईडब्ल्यूसीए छात्रावास तक छोड़ने की पेशकश की, जहां पीड़िता रहती थी.

पीड़िता उसके साथ जाने के लिए सहमत हो गई, लेकिन रास्ते में आरोपी ने उसे कांजुरमार्ग के पास एक सुनसान जगह पर ले गया. वहा उसने उसके साथ बलात्कार किया. इसके बाद उसे बेरहमी से मार डाला. इतना ही नहीं आरोपी ने उसके शव को आंशिक रूप से जला दिया और उसे ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के पास झाड़ियों में फेंक दिया. उसी साल 14 जनवरी को पीड़िता का शव उसके परिवार

को मिला था.

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