आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खूब वायरल हो रहा है. स्मार्टफोन हो या कार सब में एआई सपोर्ट दिया जा रहा है. एआई के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि ChatGPT का इस्तेमाल करें लेकिन इस बात को याद रखें कि हम आर्टिफिशियल बुद्धि से नहीं खुद की बुद्धि से आगे बढ़ेंगे. मुकेश अंबानी ने ये बात गुजरात के गांधीनगर में पंडित दीन दयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी (PDEU) के दीक्षांत समारोह में स्टूडेंट्स को कही है. अंबानी का स्टेटमेंट उसी दिन सामने आया है जिस दिन डीपसीक को लेकर दुनियाभर में खूब चर्चा हो रही थी.
डीपसीक के आने से एनवीडिया जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों में खलबली मची हुई है. एआई के मामले में अमेरिका के दबदबे को कम करने की कोशिशा में चीन लग गया है. अब अमेरिका को कड़ी टक्कर मिलेगी.
चैटजीपीटी क्या है?
चैटजीपीटी एक चैटबॉट है. इसे नवंबर 2022 में ओपनएआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ने लॉन्च किया था. ओपनएआई के फाउंडर अरबपति कारोबारी एलन मस्क और वाई कॉम्बिनेटर के पूर्व अध्यक्ष सैम ऑल्टमैन ने कुछ दूसरे बिजनेस मैन के साथ मिलकर 2015 में की थी.
चैटजीपीटी का राइवल डीपसीक
डीपसीक को स्पेशली एआई प्रोसेसिंग के लिए बनाया गया है. ये नॉर्मल GPU और CPU से अलग है. इसे एआई वर्कलोड्स के लिए ऑप्टिमाइज किया गया है. ये एआई एल्गोरिदम को बेहतर और फास्ट प्रोसेस कर सकता है. DeepSeek कंपनी का हेड क्वार्टर चीन के हांग्जो में है. इस कंपनी की शुरुआत 2023 में Liang Wenfeng ने की थी. कंपनी AGI (आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस) को डेवलप करना चाहती है.
DeepSeek-R1 के आने से OpenAI, Meta AI और Gemini AI जैसे कई एआई प्लेटफॉर्म्स को कड़ी टक्कर मिल सकती है. चीनी कंपनी डीप सीक का एआई टूल काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा है. इसके मोबाइस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से अब तक 50 लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं.