राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी वादे पर अमल करते हुए अमेरिका में सेंक्स चेंज पर रोक लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है. इस आदेश का उद्देश्य 19 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए लिंग परिवर्तन हेतु मिलने वाली सरकारी सहायता में रोक लगाना है.
ट्रंप का यह आदेश सरकारी फंड प्राप्त करने वाले चिकित्सा संस्थानों को ऐसे ट्रीटमेंट कराने से रोकेगा, जहां कई अमेरिकी किशोर हार्मोन थेरेपी और सर्जरी करवाकर अपना सेक्स बदल लेते हैं. अमेरिका में कई किशोर प्यूबर्टी ब्लॉकर्स (puberty blockers) का इस्तेमाल करते हैं. प्यूबर्टी ब्लॉकर्स (Puberty Blockers) वे दवाएं हैं जो शरीर में हार्मोन को बनने से अस्थायी रूप से रोकती हैं, जिससे शरीर में किशोरावस्था के बदलाव रोके जा सकें. ट्रंप प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को कहा है कि बच्चों में केमिकल कास्ट्रेशन और सर्जिकल म्यूटिलेशन को रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएं.
केमिकल कास्ट्रेशन और सर्जिकल म्यूटिलेशन क्या है?
केमिकल कास्ट्रेशन एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें दवाओं का उपयोग किया जाता है ताकि शरीर में सेक्स हार्मोन जैसे कि टेस्टोस्टेरोन का बनना कम हो जाए या रुक जाए. यह प्रक्रिया अस्थायी होती है. इसकी वजह से यौन इच्छा कम हो जाती है.
सर्जिकल म्यूटिलेशन उस चिकित्सा प्रक्रिया को कहा जाता है जिसमें शरीर के किसी हिस्से को सर्जरी के माध्यम से हटाया या बदला जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के कार्य या संरचना में स्थायी परिवर्तन होता है. अमेरिका में सर्जरी म्यूटिलेशन का इस्तेमाल लिंग को हटाने के लिए किया जाता है.
लिंग परिवर्तन को कोई मदद नहीं
ट्रंप ने अपने आदेश में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति है कि वह किसी बच्चे के एक लिंग से दूसरे लिंग में तथाकथित ‘परिवर्तन’ को वित्तपोषित, प्रायोजित, बढ़ावा, सहायता या समर्थन नहीं करेगा, और वह इन विनाशकारी और जीवन को बदलने वाली प्रक्रियाओं को प्रतिबंधित या सीमित करने वाले सभी कानूनों को सख्ती से लागू करेगा.
ट्रंप ने अपने प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर सेक्स चेंज की इन मेडिकल प्रक्रियाओं को बर्बर कहा है.
ट्रम्प के आदेश में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि लिंग बदलाव से बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. उन्होंने अपने आदेश में लिखा है, “अनगिनत बच्चे जल्द ही पछताते हैं कि उनके शरीर को भयानक नुकसान हुआ है. वे इस भयावह त्रासदी को समझने लगते हैं कि वे कभी भी गर्भ धारण करने या स्तनपान के माध्यम से अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में सक्षम नहीं होंगे.”
सेक्स चेंज को बीमा कवरेज नहीं
इस आदेश में निर्देश दिया गया है कि अब सेक्स चेंज को कोई बीमा कवरेज नहीं मिलेगा. आदेश के अनुसार सैन्य परिवारों के लिए ट्राइकेयर और मेडिकेड समेत केंद्रीय स्तर पर संचालित बीमा कार्यक्रमों में ऐसे इलाज के कवरेज को शामिल नहीं किया जाएगा.
सरकार ने न्याय विभाग से कहा है कि जो लोग अब कानून का उल्लंघन कर ऐसे शारीरिक बदलाव करवा रहे हैं उनके खिलाफ सख्ती से मुकदमेबाजी की प्रक्रिया शुरू की जाए और इसे सख्ती से लागू भी किया जाए.
ट्रंप आए समर्थन में
ट्रंप सरकार में शामिल उद्योगपति एलन मस्क ने इस फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर कहा, “बच्चे सहमति नहीं दे सकते, इसीलिए नाबालिगों की सुरक्षा के लिए ये कानून हैं, इस बुराई को अंजाम देने वालों को आजीवन कारावास की सज़ा मिलनी चाहिए.”
गौरतलब है कि एलन मस्क खुद अमेरिका में चल रहे इस ट्रेंड के शिकार हुए हैं. दरअसल एलन मस्क के एक बेटे ने अपना सेक्स चेंज करवा लिया था. इस फैसले एलन मस्क के जीवन में उथल-पुथल मच गया था.
एलन मस्क के बेटे का नाम जेवियर है. जेवियर ने साल 2022 में अपना जेंडर चेंज करवा लिया था.और अपना नाम Vivian Jenna Wilson रख लिया था. एलन मस्क ने कहा था कि उन्हें अपने बेटे के जेंडर चेंज के बारे में कहा था कि उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई थी. मस्क ने कहा था कि उन्हें धोखे से उनके बेटे को यौवन अवरोधक दवाएं दी गई थीं. हालांकि इस फैसले के बाद 19 साल से कम उम्र का कोई जेवियर अब Vivian Jenna Wilson नहीं बन पाएगा और न ही कोई फ्रेडरिक एलिना बन पाएगा.