दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यमुना के पानी में ‘जहर’ मिलाने के दावे के खिलाफ हरियाणा सरकार कोर्ट पहुंच गई है. सोनीपत के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केजरीवाल को नोटिस भी जारी किया है और 17 फरवरी को पेश होने को कहा है. हरियाणा सरकार ने उस बयान के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की है और उनपर कार्रवाई की मांग की है, जिसमें उन्होंने बिना सबूत के दावा किया था कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने पहचान की है कि पानी में जहर मिलाया गया है.
अगर केजरीवाल अगली सुनवाई पर अदालत में पेश नहीं होते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्हें इस मामले में कुछ नहीं कहना है और आगे की कार्यवाही कानून के अनुसार की जाएगी. पूर्व सीएम केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्ली भेजे जाने वाले पानी में हरियाणा की बीजेपी सरकार ने जहर मिला दिया है. गनीमत रही कि जल बोर्ड के इंजीनियरों ने उसकी पहचान कर ली और पानी को बॉर्डर पर ही रोक दिया.
पानी दिल्ली पहुंचता तो बड़ा नरसंहार हो जाता’, केजरीवाल ने किया था दावा
अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में दावा किया था कि अगर जहर की मिलावट वाला पानी अगर दिल्ली पहुंच जाता और दिल्ली के लोग पी लेते तो न जाने कितने ही दिल्लीवासियों की मौत हो जाती. उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होता तो दिल्ली के अंदर एक बड़ा नरसंहार हो जाता. उन्होंने कहा था कि बीजेपी की सरकार जो पानी दिल्ली भेज रही थी उसका ट्रीटमेंट प्लांट में भी सफाई नहीं हो पाता, और ये कि बड़ा हादसा हो जाता.
अरविंद केजरीवाल के बयान में छिड़ा विवाद
अरविंद केजरीवाल के बयान के बयान के बाद दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है, जहां सीएम आतिशी और हरियाणा सीएम नायब सैनी भी उलझ गए. सीएम आतिशी का दावा था कि पल्ला घाट के पास यमुना का पानी काफी गंदा है और उन्हें पल्ला घाट साथ चलने की चुनौती दी थी, और दावा किया था कि यहां के पानी में सबसे ज्यादा अमोनिया है. हालांकि, सीएम सैनी ने इसके जवाब में उन्हें कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के मन में ही जहर है.
बाद में हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी पल्ला गांव भी पहुंचे. वह अकेले यहां पहुंचे और यमुना के पानी का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने यमुना का पानी भी पिया. उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि यमुना का पानी साफ है और पीनेयोग्य है.