सीजी हाईकोर्ट का कलेक्टर और एसडीओ को आदेश, अतिक्रमण मामले में लिया फैसला..

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में शासकीय भूमि और सार्वजनिक गली पर अवैध कब्जे के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कलेक्टर, एसडीओ और तहसीलदार को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता राजेंद्र मिश्रा ने अपने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से याचिका दायर कर अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की थी. याचिका के अनुसार, राजेंद्र मिश्रा अपने परिवार के साथ वार्ड नंबर 21, डोंगरगढ़ में रहते हैं. उनके मकान के पास शासकीय भूमि पर बनी गली से उनका परिवार आवागमन करता था.

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आरोप है कि हरे कृष्णा देवनाथ, जिन्हें पूर्व में पट्टे पर भूमि दी गई थी, ने अपने भाई विनय देवनाथ को भी बुलाकर वहीं बसा दिया. बाद में उन्होंने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर गली को अवरुद्ध कर दिया, जिससे याचिकाकर्ता और अन्य स्थानीय निवासी परेशान हो गए.

धमकियां भी दी गईं

याचिकाकर्ता ने इस अवैध कब्जे की शिकायत एसडीओ, तहसीलदार और कलेक्टर से कई बार की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. आरोप है कि अतिक्रमण हटाने की बात करने पर उन्हें धमकियां भी दी गईं. बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे याचिकाकर्ता को न्यायालय का रुख करना पड़ा.

कोर्ट ने मामले की जांच के लिए भी कहा

हाईकोर्ट के जस्टिस बी.डी. गुरु ने मामले की सुनवाई करते हुए कलेक्टर, एसडीओ और तहसीलदार को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन के आधार पर संपूर्ण मामले की जांच करें. यदि जांच में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण या अवैध निर्माण की पुष्टि होती है, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.

लोगों में जगी उम्मीद की किरण

कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रशासन पर अवैध कब्जे हटाने और शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की जिम्मेदारी आ गई है. स्थानीय लोगों को अब उम्मीद है कि सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित भूमि को जल्द ही अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा और गली को पुनः आवागमन के लिए खोला जाएगा.

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