अम्बिकापुर: आदिवासी भूमि की धोखाधड़ी में दोषी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश

अम्बिकापुर : जिले के अम्बिकापुर तहसील के ग्राम पंचायत सुमेरपुर स्थित दर्रीडीह में एक गंभीर मामले का खुलासा हुआ है, जहां आदिवासी की 55 डिसमिल भूमि को धोखाधड़ी से गैर आदिवासी के नाम पर रजिस्टर्ड करा लिया गया था. यह मामला भाजपा नेता आलोक दुबे की शिकायत के बाद सामने आया, जिसके बाद कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए आदेश दिए थे. जांच में पाया गया कि सलीम जावेद नामक व्यक्ति ने कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए राजस्व मंडल बिलासपुर का फर्जी आदेश बनाकर आदिवासी भूमि का अधिग्रहण किया था.

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शिकायत के आधार पर कलेक्टर ने नायब तहसीलदार रघुनाथपुर और अनुविभागीय अधिकारी (रा) धौरपुर से मामले की जांच कराई। जांच में यह सामने आया कि ग्राम दर्रीडीह की भूमि खसरा नंबर 48/2, जिसका कुल रकबा 0.210 हेक्टेयर है, वह सर्वे सेटलमेंट में गैर मजरूआ सरकार परती मद के तहत दर्ज थी. यह भूमि शासकीय पट्टे से प्राप्त की गई थी, और इसके विक्रय के लिए कलेक्टर से सक्षम अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी, जो कि संहिता की धारा 165 (7) (ख) के तहत अनिवार्य है.

 

इसके बावजूद, सलीम जावेद ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से यह भूमि अपने नाम पर रजिस्टर्ड करा ली और 25 लाख रुपये में बेच दी। इस धोखाधड़ी के कारण आदिवासी समुदाय का हक प्रभावित हुआ. जांच में यह तथ्य सही पाए जाने पर कलेक्टर ने उक्त भूमि को पूर्ववत शासकीय मद में दर्ज करने के निर्देश दिए और समस्त अंतरण को शून्य घोषित किया.

इसके साथ ही, दोषी सलीम जावेद के खिलाफ संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश 30 जनवरी तक दिए गए हैं. इस मामले को लेकर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करने की बात की है, जिससे भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी के मामले रोके जा सकें.

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