तीन लोगों ने मिलकर पीएचई के सेवानिवृत इंजीनियर के नौ बैंक खातों से 55.83 लाख रुपये की ठगी कर दी। जब पीड़ित राजेन्द्र प्रसाद ठाकुर को ठगी का पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत डूंडासिवनी थाना में की है।
राजेंद्र प्रसाद ठाकुर ने पुलिस को बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाला विनोद जंघेला उसकी कार चलाता था। अस्वस्थ रहने के कारण वह घरेलू सामान व बैक के लेनदेन संबंधी कार्यों में भी विनोद जंघेला की मदद लेते थे।
बैंक में लेनदेन के लिए भी वह विनोद को बैंक ले जाते थे। इसके कारण बैंक का स्टाफ भी विनोद को पहचानते थे। इसी बात का लाभ विनोद ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उठाया।
इन बैंक खातों से निकाले रुपये
राजेंद्र ठाकुर के खाते 09 बैंकों में हैं, जिनमें भारतीय स्टेट बैंक आफ इंडिया, महाराष्ट्र बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया, युको बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैक, बैंक आफ बडौदा, बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक आफ इंडिया सम्मिलित है।
इन बैंक खातों में राजेंद्र ठाकुर की बचत राशि, एफडी को मिलाकर लगभग कुल 55 लाख 83 हजार रूपये जमा थे। बैंक खातो मे राजेंद्र ठाकुर के मोबाइल में दो सिम कार्ड के नंबर लिंक हैं। इनसे वह फोन पे भी चलाते हैं और सभी बैंक के खातो के चेक, बैंक खातो के एटीएम व फोन पे के माध्यम से लेनदेन करते हैं।
मोबाइल में नहीं मिली सिम तो चला ठगी का पता
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि जब वह अपने मोबाइल से अपने रिश्तेदार को फोन लगा रहे थे तो फोन नहीं लग रहा था। तब राजेंद्र ने अपने भतीजे को मोबाइल दिखाया।
तब भतीजे सौरभ ठाकुर ने मोबाइल चेक किया तो देखा मोबाइल में लगी दोनों सिम गायब थी। वहीं मैसेज चेक किए तो मैसेज भी डिलीट थे। बैंक खाते चेक किए तो पता चला लाखों रुपये निकल गए हैं।
शंका होने पर जब पीड़ित राजेंद्र ठाकुर बैंक के खाते चेक कराने गए तो पता चला कि विभिन्न बैंक खातों से फोन पे, गूगल पे, भारत पे, बैंक खातों के चेक, एटीएम के माध्यम से विनोद जंघेला, अमन वर्मा, श्रीराम वर्मा के द्वारा लगभग 55 लाख 83 हजार 456 रुपये गायब कर दिए।
तीनों गिरफ्तार
इस पर जब राजेंद्र ठाकुर विनोद के घर गए तो पता चला वह घर से गायब हैं, तब उन्होंने डूंडा सिवनी थाना पहुंचक रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपित विनोद जंघेला, अमन वर्मा व श्रीराम वर्मा के विरुद्ध मामला दर्ज कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।