MP के वन विभाग की टीम को राजस्थान के ग्रामीणों ने बनाया बंधक, लगाए अवैध वसूली के आरोप

मध्य प्रदेश के वन विभाग की टीम को राजस्थान के एक गांव के ग्रामीणों ने बंधक बनाकर रखा. ग्रामीणों ने इन पर अवैध वसूली के आरोप लगाए. किसी तरह से खुद को बचाकर ये कर्मचारी वापस मुख्यालय पहुंचे. मामला मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित बिलोदा गांव का है.

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ये है मामला

दरअसल गुना जिले की बमौरी विधानसभा के ग्राम गणेशपुरा यानी मध्यप्रदेश की बॉर्डर से सटे राजस्थान के गांव बिलौदा गांव के ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि 28 जनवरी को फतेहगढ़ वन विभाग के अधिकारी ने एक किसान से जबरन 35 हजार रुपए वसूल लिए.

इसके बाद गुरुवार को फतेहगढ़ वन विभाग के अधिकारी फिर से बिलौदा गांव में जा धमके और एक किसान की जेसीबी मशीन को फतेहगढ़ लाने लगे.

इसकी खबर गांव में फैल गई. कुछ ही देर में ग्रामीण एकत्रित हो गए और और वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को घेर लिया. ग्रामीणों ने अफसरों के वाहन के पहियों की हवा निकाल दी. वन अधिकारी वहां से माफी मांग कर बमुश्किल अपनी जान बचाकर भागे.

राजस्थान के बिलौदा गांव के लोगों ने बताया कि फतेहगढ़ वन विभाग के अधिकारी आए दिन बॉर्डर के गांवों के लोगों को परेशान करते हैं, कहीं ट्रैक्टर तो कहीं जेसीबी मशीन को रोक लेते हैं और अवैध वसूली करते हैं. यदि पैसे नहीं देते हैं तो वाहनों को अपने साथ ले जाने लगते हैं और राजसात करने की धमकी देते हैं जिसके डर से मजबूरी में लोग पैसे दे देते हैं.

इस मामले में DFO अक्षय राठौर कहना है कि गणेशपुरा गांव के पास नदी में से अवैध उत्खनन होता है और हमारी टीम को सूचना मिली थी कि यहां पर एक जेसीबी अवैध उत्खनन कर रही है. गणेशपुरा गांव के पास ही बिलोदा गांव लगता है जो राजस्थान में आता है. सूचना मिलने पर टीम जेसीबी का पीछा करते हुए टीम राजस्थान के बिलोदा गांव में पहुंची और यहां जेसीबी ले जाने लगे तो गांव वालों ने रोक लिया. जो गांव वाले अवैध वसूली का आरोप लगा रहे हैं, ऐसा कुछ नहीं है. आरोपों की हम एसडीओ से जांच करा रहे हैं.

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