मिर्ज़ापुर : विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारियों ने दर्शनार्थियों की सुविधा का हवाला देते हुए संध्या एवं बड़ी रात्रि आरती के समय परिवर्तन की बात कही है. पंडा समाज ने लिखित प्रस्ताव परिषद के अध्यक्ष को दी, जिसके पश्चात एक निजी प्रतिष्ठान में नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिवप्रताप शुक्ला, पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन ओम प्रकाश सिंह पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी, मंत्री भानू पाठक, मंदिर व्यवस्था प्रमुख गुंजन मिश्रा, कोषाध्यक्ष तेजन गिरी श्रृंगारिया शिवजी मिश्र व शेखर शरण उपाध्याय के बीच बैठक संपन्न हुई.
काफी देर तक चली इस बैठक के पश्चात कमेटी तथा श्रृंगारिया के सहमति नहीं बनी. बैठक के संध्या आरती का समय शाम साढ़े छह से साढ़े सात तथा बड़ी आरती रात्रि ग्यारह बजे से साढ़े बारह बजे रात्रि में होने वाली आरती के पश्चात मां का शयन लगाकर मंदिर का कपाट बंद करने की बात कही.
इस विषय में श्रृंगारिया शिवाजी मिश्र ने कहा कि यह प्रस्ताव कत्तई उचित नहीं है. भारत के किसी धार्मिक स्थल में रात्रि बारह बजे के पश्चात श्रृंगार पूजन का विधान नहीं है. कुछ लोग व्यक्तिगत आक्रोश से वशीभूत होकर यह निर्णय थोपने का प्रयत्न कर रहे है जो मुझे मान्य नहीं है. अगर मनमानी की गई तो मामले को लेकर हाईकोर्ट जाऊंगा.
श्रृंगारिया शेखर शरण उपाध्याय ने कहा कि केवल पंडा समाज के अध्यक्ष के कह देने से व्यवस्था लागू नहीं हो जाएगी. कोई भी व्यवस्था का अंतिम निर्णय समाज के आम सभा में तय होता है. वहीं समाज का अंतिम निर्णय होता है. आरती का समय परिवर्तन उचित नहीं है. एडीएम ने कहा कि निर्णय लेने का अधिकार समाज के व्यवस्थापिका समिति का है निर्णय लेना तथा समाज के लोगों को उसका अनुपालन कराना दोनों ही पदाधिकारियों का कार्य है.
समाज के आंतरिक मामलों में जिला प्रशासन हस्तक्षेप नहीं करेगा. जो निर्णय सर्वमान्य होगा जिला प्रशासन उसमें सहयोग प्रदान करेगा. पंडा समाज के अध्यक्ष, मंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में हम शीघ्र ही कार्यकारिणी बैठक बुलाकर बात करेंगे. दर्शनार्थियों तथा मंदिर हित में जो भी आवश्यक होगा वह निर्णय लिया जाएगा. निर्णय के पश्चात लिखित रूप से दोनों श्रृंगारिया तथा जिला प्रशासन को सूचना उपलब्ध कराया जाएगा.