प्रयागराज के बाद वाराणसी में बढ़ी भीड़, गंगा आरती पर लगाई गई रोक, यात्री परेशान

वाराणसी के घाटों पर होने वाली गंगा आरती को 5 फरवरी तक आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है. यह फैसला हाल ही में बढ़ती भीड़ को देखते हुए लिया गया है. पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने काशीवासियों से अपील की है कि वो बेवजह घर से बाहर न निकलें और तीर्थयात्रियों को सहयोग करें.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि दशाश्वमेध घाट पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती 5 फरवरी तक आम जनता के लिए स्थगित रहेगी. इसी तरह, शीतला घाट, अस्सी घाट और अन्य घाटों पर आरती आयोजित करने वाली समितियों ने भी श्रद्धालुओं से 5 फरवरी तक न आने की अपील की है.

कुंभ के श्रद्धालु वाराणसी में फंसे

दरअसल प्रयागराज महाकुंभ से लौट रहे हजारों श्रद्धालु अब भी वाराणसी छावनी (कैंट) रेलवे स्टेशन और बनारस रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं. अत्यधिक भीड़ के कारण कई यात्री अपनी ट्रेन नहीं पकड़ पाए, जिससे स्टेशनों पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. कुछ ट्रेनों के रद्द होने की वजह से भी सैकड़ों लोग स्टेशनों पर फंसे हुए हैं.

यात्रियों की परेशानी

असम के सोनिकपुर से आई बॉबी माया लिम्बु ने बताया कि वह 26 जनवरी को संगम घाट में स्नान करने के बाद अपने समूह के साथ प्रयागराज से वाराणसी आई थीं लेकिन, भीड़ के कारण अपनी ट्रेन पकड़ नहीं सकीं.

गया जिले के दीनानाथ अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पिछले दो दिनों से बनारस में फंसे हुए हैं. भीड़ और दम घुटने की वजह से उन्हें ट्रेन से उतरना पड़ा, जिसके बाद से वो रेलवे प्लेटफॉर्म के पास बने रैन बसेरे में ठहरे हुए हैं.

रैन बसेरे के मैनेजर रजत सिंह ने बताया कि यह सुविधा खास तौर पर कुंभ यात्रियों के लिए बनाई गई थी, जहां एक रात ठहरने की व्यवस्था है, लेकिन खाने की सुविधा नहीं है.

कैंट एसीपी ने बताया कि मौनी अमावस्या के बाद काशी में श्रद्धालुओं की संख्या अचानक बढ़ गई है. सुरक्षा बल लगातार रेलवे स्टेशनों पर गश्त कर रहे हैं. उन्होंने तीर्थयात्रियों से कुछ दिनों तक वाराणसी की यात्रा टालने की अपील की है, ताकि भीड़ कम होने के बाद व्यवस्थाएं सुचारू हो सकें.

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