सिकंदराबाद के वारासीगुडा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. अपनी मां की मौत से सदमे में दो बहनें कथित तौर पर नौ दिनों तक उसके क्षत-विक्षत शव के साथ घर में बंद रहीं. यह घटना तब सामने आई जब पड़ोसियों को घर से दुर्गंध आने लगी. पुलिस के मुताबिक, बहनों को अपनी मां से बहुत लगाव था और वे उससे अलग नहीं होना चाहती थीं. परिवार की गरीबी भी एक कारण हो सकता है. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि अचानक हुई अपनी मां की मृत्यु से स्तब्ध बहनों ने किसी को इसकी भनक नहीं लगने दी.
दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत
मृतक महिला की पहचान 45 वर्षीय ललिता के रूप में हुई है. वह अपनी दो बेटियों के साथ वारासीगुडा के रोड नंबर 3 में स्थित एक किराए के मकान में रहती थी. महिला की कुछ दिन पहले घर पर ही दिल का दौरा पड़ने के कारण मौत हो गई. पुलिस के अनुसार, उसकी बेटियों ने इस घटना की जानकारी किसी को नहीं दी. रिपोर्टों से पता चलता है कि दाह संस्कार के खर्चों को वहन करने में असमर्थता के कारण, बहनों ने अपनी मां के शव के साथ नौ दिनों तक घर में रहने का फैसला किया.
ललिता अपने पति से अलग रहती थी और अपनी मां के साथ वापस आ गई थी. अपनी मां की मृत्यु के बाद, ललिता कथित तौर पर अकेला महसूस कर रही थी और बीमार हो गई. पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार, ललिता की मृत्यु जनवरी में हुई थी. अपनी मां की मौत से दुखी होकर दोनों बेटियां आत्महत्या करने की भी कोशिश की और खाना-पीना छोड़ दिया.
नौ दिनों तक बिना भोजन के रहने के बाद, उनके घर से आने वाली दुर्गंध से पड़ोसियों को चिंता हुई, जिन्होंने पुलिस को सूचित किया. पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और ललिता के शव को बाहर निकालकर गांधी अस्पताल पहुंचाया. पुलिस इंस्पेक्टर ने फिर लड़कियों को खाना खिलाया और उसके बाद ललिता के परिवार को उनकी मौत के बारे में सूचित किया. उसके बाद ललिता का अंतिम संस्कार किया गया.