चीन अपनी राजधानी बीजिंग के पास दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य कमांड सेंटर बना रहा है जो परमाणु युद्ध की स्थिति में देश के नेताओं की सुरक्षा करेगा. यह कमांड सेंटर राजधानी बीजिंग से लगभग 32 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है. 1,500 एकड़ में बन रहा यह कमांड सेंटर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के हेडक्वार्टर पेंटागन से 10 गुना बड़ा है.
विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस सैन्य कमांड सेंटर में मजबूत सैन्य बंकर बनाए जा सकते हैं, जो परमाणु युद्ध छिड़ने की स्थिति में राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित शीर्ष सैन्य अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करेंगे. ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को निर्माण स्थल की सैटेलाइट तस्वीरें प्राप्त हुई है. इसमें देखा जा सकता है कि निर्माण स्थल पर क्रेनें दिन-रात काम कर रही हैं.
माना जा रहा है कि मिलिट्री बेस को ‘बीजिंग मिलिट्री सिटी’ कहा जा सकता है. चीन में चल रहे संपत्ति संकट के बावजूद बेस का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिलिट्री बेस पश्चिमी पहाड़ियों में स्थित मौजूदा सुरक्षित कमांड सेंटर की जगह ले सकता है. चीन के मौजूदा सुरक्षित कमांड सेंटर को शीत युद्ध के दौरान बनाया गया था.
अमेरिकी बंकर बस्टर बमों और परमाणु खतरों से बचाएगा मिलिट्री बेस
चीन का निर्माणाधीन मिलिट्री बेस उसे अमेरिकी बंकर बस्टर बमों और यहां तक कि परमाणु खतरों से बचाव के लिए उन्नत क्षमता मुहैया कराएगा. मिलिट्री बेस में गहरी भूमिगत सुरंगे, मजबूत दीवारें बनाई जा रही हैं जो बताता है कि इसे उस दिन के लिए तैयार किया जा रहा है जिस दिन चीन किसी परमाणु युद्ध में फंसेगा.
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 2027 में अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने की तैयारी कर रही है और यह नया मिलिट्री बेस देश के सैन्य विस्तार में एक बड़ा कदम होने वाला है. चीन यह मिलिट्री बेस ऐसे वक्त में बना रहा है जब चीन की बढ़ती रक्षा क्षमता को लेकर अमेरिका चिंतित है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2035 तक इसकी रक्षा क्षमता अमेरिका के बराबर हो जाएगा.
नये कमांड सेंटर के निर्माण के अलावा, चीन अपनी परमाणु क्षमताओं का विस्तार भी कर रहा है. हाल ही में आई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम का उत्पादन करने में सक्षम दो परमाणु रिएक्टर बनाने के लिए पूर्वी चीन सागर में चांगबियाओ द्वीप पर जमीन साफ कर ली है.
परमाणु युद्ध के वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहां छिपेंगे?
परमाणु युद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बंकरों में छिपने की योजना बनाई गई है. अगर अमेरिका पर परमाणु हमला होता है तो तुरंत ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुरक्षित जगह पर ले जाया जाएगा. राष्ट्रपति के छिपने के लिए कई जगहें बनाई गई हैं. उनमें से एक बंकर व्हाइट हाउस के नीचे बना है. 1950 के दशक में बना यह बंकर एक किलाबंद इलाका है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के छिपने के लिए बनाया गया दूसरा बंकर वर्जीनिया के ब्लू रिज पर्वतों में छिपा हुआ है. ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित आलीशान शीशमहल मार-ए-लागो में भी एक बंकर है. एक बंकर वेस्ट पाम बीच में उनके गोल्फ कोर्स में भी है. इसका इस्तेमाल पहले बमों को रखने के लिए किया जाता था.