12 लाख तक टैक्‍स फ्री… 63 साल बाद बदलेगा कानून? जानिए नए Tax Bill में क्‍या-क्‍या

कल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए, जिसमें से सबसे बड़ा ऐलान 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्‍स फ्री शामिल था. इसके अलावा, उन्‍होंने  नए इनकम टैक्‍स बिल (Income Tax Bill) का ऐलान किया. उन्‍होंने कहा कि इसे अगले हफ्ते से पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री ने इसके बारे में थोड़ी डिटेल शेयर करते हुए कहा कि यह इनकम टैक्‍स का नया बिल टैक्‍स सिस्‍टम (Tax System) को सरल बनाने के लिए लाया गया है. अगर इस बिल को संसद की मंजूरी मिल जाती है और सभी प्रक्रिया पूरी हो जाती हैं तो देश में इनकम टैक्‍स का नया कानून आ जाएगा.

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देश में अभी 1961 का इनकम टैक्स कानून लागू है. बजट 2020 में सरकार ने इसी कानून के तहत एक नई टैक्स रिजीम लागू की थी. लेकिन जुलाई 2024 में पेश किए गए बजट में सरकार ने साफ कहा था कि देश में इनकम टैक्स कानून (Income Tax Rule) को बदलने की जरूरत है. इसके लिए एक समीक्षा कमेटी बनाई गई थी. अब उसी के आधार पर सरकार ने नया बिल लाने का ऐलान किया है, इससे बनने वाला इनकम टैक्स कानून देश में 1961 के कानून की जगह लेगा.

क्‍यों जरूरी है इनकम टैक्‍स का नया कानून?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्‍स बिल को लेकर कहा था कि एक दशक से टैक्‍स रिफॉर्म लागू करने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि आम लोगों को भी आसान भाषा में टैक्‍स का ये सिस्‍टम समझने में आसानी हो. ऐसे में नए इनकम टैक्‍स बिल को संसद में अगले हफ्ते पेश किया जाएगा.

एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक, नया कानून इसलिए भी जरूरी है, क्‍योंकि अभी टैक्‍स का जो कानून है, उसमें टैक्‍स संबंधी कई जटिलताएं हैं. जिसे आम लोगों के लिए समझना आसान नहीं है. ऐसे में नए कानून के आने से ये जटिलताएं खत्‍म हो सकती हैं. साथ ही यह कानून आम आदमी के समझने लायक बनाया जा सकता है.

 

नए टैक्‍स बिल में क्‍या-क्‍या होगा?

 

नए इनकम टैक्स कानून में क्या होगा, इसे लेकर बजट में खास जानकारी शेयर नहीं की गई है. लेकिन सरकार ने बजट में जिन 6 कोर का जिक्र किया है, उनमें से एक रेग्युलेटरी रिफॉर्म का है. देश में रेग्युलेशन को आसान बनाने का जिक्र इकोनॉमिक सर्वे में भी किया गया है.

नए टैक्‍स कानून में सरकार टैक्स को और सरल बनाने की कोशिश करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नया इनकम टैक्स कानून ‘न्याय’ देने वाला होगा. ये मौजूदा बिल से सरल होगा. ये लिटिगेशन (कानूनी प्रक्रिया) को कम करेगा.

नए इनकम टैक्स कानून में प्रावधानों को सरल बनाने, अनावश्यक चीजों को हटाने और भाषा को आम आदमी के लिए ज्‍यादा सरल बनाने पर फोकस किया जाएगा.

63 साल बाद पुराने इनकम टैक्‍स कानून खत्‍म करके पेश किए जाने वाले नए ब‍िल के तहत टैक्‍सपेयर्स के प्रतिक्रिया के आधार पर संशोधित किया जा सकता है.

नए कानून के तहत किसी बदलाव में इनकम कैलकुलेशन प्रोसेस को आसानी से समझ में आने वाले फॉर्मूले बनाए जाएंगे. यह भी कहा जा रहा है कि असेसमेंट ईयर और फाइनेंशियल ईयर की जगह सिंगल ‘टैक्‍स ईयर’ हो सकता है.

इसके अलावा, टैक्‍सपेयर्स की सुविधा बढ़ाने के लिए टैक्‍स रिटर्न के लिए आवश्‍यक फॉर्म्स की संख्‍या को कम करने की योजना है, जिससे ये फॉर्म ऑनलाइन उपलब्‍ध हो सकेंगे.

डिविडेंड इनकम पर टैक्‍स सिस्‍टम को सभी इनकम कैटेगरी में 15 फीसदी की टैक्‍स रेट करके सरल बनाया जा सकता है.

इसी तरह हाई इनकम वालों को मौजूदा 30 फीसदी टैक्‍स स्‍लैब के ऊपर लगाए गए वरीएबल सरचार्ज की जगह पर 35 फीसदी का स्‍टैंर्डड टैक्‍स रेट लगाया जा सकता है.

कैप‍िटल गेन पर पर टैक्‍सेशन को सुव्यवस्थित करने के लिए, अलग-अलग परिसंपत्ति में टैक्‍स में अंतर को समाप्त किया जा सकता है.

प्रस्तावित डायरेक्‍ट टैक्‍स कोड (DTC) के तहत टैक्‍सपेयर्स के पास अलग-अलग टैक्‍स व्यवस्थाओं में से चुनने का विकल्प नहीं होगा. इसके अलावा, नई व्यवस्था के अनुसार कटौती और छूट में भी कमी की जा सकती है.

नए टैक्‍स कोड का फोकस मौजूदा 1961 अधिनियम के तहत प्रचलित पारंपरिक प्रक्रिया से हटकर डिजिटल को बढ़ावा देने पर होगा.

63 साल बाद बदलेगा कानून?

आयकर कानून 1961 को 1 अप्रैल 1962 को लागू किया गया था, जिसे अब सरकार बदलना चाहती है. अगले सप्‍ताह के दौरान इसे संसद में पेश किया जाता है. अगर संसद की मंजूरी मिलती है, फिर टैक्‍सपेयर्स कमेंट और अन्‍य प्रक्रिया के बाद इसे लागू कर दिया जाता है तो 63 साल बाद इनकम टैक्‍स कानून में बदलाव होगा.

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