उमरिया: जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रसिद्ध बाघ छोटा भीम ने रविवार को भोपाल के वन विहार में आखिरी सांस ली. कन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर के कारण उसकी मौत हो गई. दो महीने से अधिक समय तक इलाज चलने के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका.
रेस्क्यू ऑपरेशन और संघर्ष
पिछले साल 30 नवंबर को जब छोटा भीम खितौली परिक्षेत्र में गंभीर हालत में मिला, तब वन विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई थी. उसके गले में क्लेच वायर का फंदा कस चुका था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी. तत्काल उसे रेस्क्यू कर भोपाल वन विहार भेजा गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उसे बचाने की हरसंभव कोशिश की. लेकिन चोट और संक्रमण के कारण उसकी स्थिति लगातार नाजुक बनी रही.
पर्यटकों का चहेता बाघ
छोटा भीम केवल एक बाघ नहीं था, बल्कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पहचान था. अपनी ताकत, चालाकी और विशाल कद-काठी के कारण वह पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय था. सफारी पर जाने वाले लोग उसकी झलक पाने को उत्साहित रहते थे. उसकी मौजूदगी ने बांधवगढ़ को वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक खास जगह बना दिया था.
पोस्टमॉर्टम से होगा खुलासा
छोटा भीम की मौत के कारणों की विस्तृत जांच के लिए चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम उसका पोस्टमॉर्टम करेगी. इससे यह स्पष्ट होगा कि क्या हार्ट फेल्योर ही मुख्य कारण था या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या भी थी. छोटा भीम की मौत से वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों में शोक की लहर दौड़ गई है. वह अब सिर्फ यादों में रहेगा, लेकिन उसकी कहानियां हमेशा सुनाई जाएंगी.