हाल ही में पूर्व राज्यसभा सांसद ने बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर तीखा हमला करते हुए उन्हें ‘पाखंडी’ करार दिया और उनके हिंदू राष्ट्र के विचार को ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देने वाला बताया.उन्होंने आरोप लगाया कि शास्त्री का हिंदू राष्ट्र का दृष्टिकोण समाज में जातिगत भेदभाव और छुआछूत को कायम रखेगा, जिसमें ब्राह्मणों की सर्वोच्चता बनी रहेगी.
पूर्व सांसद ने शास्त्री द्वारा स्वर्गीय हीरा सिंह मरकाम पर लगाए गए आरोपों की भी कड़ी निंदा की.शास्त्री ने मरकाम पर गोंडी सभ्यता और संस्कृति के प्रचार के लिए विदेशी फंडिंग और राष्ट्रविरोधी ताकतों के साथ संबंध होने का आरोप लगाया था.पूर्व सांसद ने शास्त्री को चुनौती दी कि यदि उनके पास ऐसे आरोपों के प्रमाण हैं, तो वे सरकार से जांच करवाएं और कठोर कार्रवाई करें.अन्यथा, उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
पूर्व सांसद ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील की कि वे ऐसे व्यक्तियों का सार्वजनिक बहिष्कार करें, जो हिंदू राष्ट्र के नाम पर ब्राह्मणवाद को थोपना चाहते हैं.
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जो बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं, ने हाल ही में हिंदू एकता के लिए पदयात्रा का आयोजन किया था.उनका कहना है कि इस यात्रा का उद्देश्य हिंदू धर्म में व्याप्त जात-पात और ऊंच-नीच को खत्म कर सभी हिंदुओं को एकजुट करना है.
शास्त्री ने यह भी कहा कि भारत में अब सिर्फ दो जातियां होनी चाहिए—गरीब और अमीर.उन्होंने जाति-पाति और छुआ-छूत जैसी कुरीतियों को हटाने का संकल्प लिया है.
इस विवाद के बीच, शास्त्री के समर्थक और विरोधी दोनों ही अपने-अपने दृष्टिकोण के साथ सक्रिय हैं, जिससे यह मुद्दा और भी गरमाता जा रहा है.