डीडीयू स्टेशन पर बंदरों का आतंक: रेलकर्मी पर हमला, हालत गंभीर

चंदौली: डीडीयू स्टेशन और आसपास के इलाकों में बंदरों के आतंक ने यात्रियों और कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.महाकुंभ के चलते स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ के कारण बंदर अब रेलवे कॉलोनियों और आसपास के गांवों का रुख कर रहे हैं.

Advertisement

शनिवार शाम को एक गंभीर घटना में बंदरों के एक झुंड ने वीवीआईपी यूरोपियन कॉलोनी के क्वार्टर नंबर 80बी में हमला कर 40 वर्षीय रेलकर्मी गोरखनाथ चौधरी को गंभीर रूप से घायल कर दिया.

शनिवार को बंदरों का झुंड चर्च के पास स्थित क्वार्टर में घुस आया. रेलकर्मी गोरखनाथ चौधरी ने बंदरों को भगाने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही वह आंगन में पहुंचे, बंदरों ने उन पर हमला कर दिया.बंदरों ने उनके दोनों हाथ, गर्दन और पीठ पर गहरे घाव कर दिए.गोरखनाथ ने खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन वह जमीन पर गिर गए. किसी तरह हिम्मत जुटाकर उन्होंने बंदरों को भगाया और कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया.

आसपास के लोगों की मदद से गोरखनाथ को तुरंत रेलवे लोको अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उन्हें 20 टांके लगाए गए. डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई है.

घटना के बाद गोरखनाथ का परिवार, जिसमें उनकी पत्नी और दो बच्चे शामिल हैं, डर के कारण दूसरे क्वार्टर में शरण लेने को मजबूर हो गया है.गोरखनाथ ने बताया कि बंदरों का झुंड अभी भी उनके क्वार्टर के आसपास मंडरा रहा है.

महाकुंभ के कारण 13 जनवरी से डीडीयू स्टेशन पर यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है.मौनी अमावस्या के दिन स्टेशन पर पैर रखने की भी जगह नहीं थी.खाने-पीने की कमी के कारण बंदर रेलवे कॉलोनियों और गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं, जिससे ऐसे घटनाएं बढ़ रही हैं.

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधांशु रंजन ने बताया कि बंदरों के आतंक से निपटने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है.जल्द ही बंदरों को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए जाएंगे.

स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से अपील की है कि इस समस्या को जल्द से जल्द सुलझाया जाए.बंदरों का बढ़ता खतरा न केवल कर्मचारियों बल्कि उनके परिवारों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है.

प्रशासन द्वारा इस समस्या पर त्वरित कार्रवाई की उम्मीद है ताकि स्थानीय लोगों और कर्मचारियों को राहत मिल सके.

Advertisements