राज्यसभा में उठा गूगल मैप से होने वाली दुर्घटनाओं का मुद्दा, स्वदेशी मॉडल अपनाने की मांग

सोमवार को राज्यसभा के एक सदस्य ने गूगल मैप्स की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं का मुद्दा उठाया. उन्होंने गूगल मैप्स की गाइडलाइन की वजह से होने वाली घटनाओं को गंभीर समस्या बताया. उन्होंने सरकार से इस पर विचार करने और ठोस कदम उठाने की मांग भी की, ताकि भारत में गूगल मैप्स जैसी स्वदेशी चीजों को अपनाया जा सके.

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बीजेपी सांसद अजीत माधव राव गोपछड़े ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने सरकार से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मदद से गूगल मैप्स का स्वदेशी मॉडल विकसित करने को कहा. उन्होंने इसे विकसित करने के लिए भारतीय स्टार्टअप या कंपनियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर भी जोर दिया.

कानून में पीड़ित को मुआवजा देने का प्रावधान

गोपछड़े ने कहा कि गूगल मैप्स के गलत होने की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं भारत में गंभीर समस्या बनती जा रही हैं. ऐसी घटनाएं हाल ही में केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार में देखने को मिली हैं. उन्होंने कहा कि ये घटनाएं इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे तकनीकी उपकरणों पर अत्यधिक निर्भरता कई बार खतरनाक परिणाम दे सकती है.

उन्होंने कहा कि गूगल मैप्स की जानकारी हमेशा सही नहीं होती. कई बार यह गलत दिशा बताती है तो कई बार गूगल मैप्स की जानकारी भ्रामक हो सकती है. बीजेपी सांसद ने आईटी एक्ट की धारा 43ए का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इसमें प्रावधान है कि सभी संस्थाओं को अपने उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करने होंगे. इस कानून में पीड़ित को मुआवजे के रूप में हर्जाना देने का भी प्रावधान है.

‘गूगल मैप्स जैसी स्वदेशी चीज को अपनाया जाए’

गोपछड़े ने कहा कि गूगल मैप्स वैश्विक स्तर पर नेविगेशन का एक प्रमुख साधन है. भारतीय स्टार्टअप और कंपनियां भी वर्तमान में तेजी से विकास कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर स्टार्टअप और कंपनियां इसरो या अन्य संस्थानों के साथ अत्याधुनिक तकनीक और व्यापक डेटाबेस पर काम करती हैं, तो इससे भारत में एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित हो सकता है. जिससे गूगल मैप्स जैसी वैश्विक सेवाओं पर निर्भरता कम होगी.’

उन्होंने कहा कि इससे भारतीय कंपनियों के पास अपने देश के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए नक्शे और डेटा होंगे, जिन्हें स्थानीय जरूरतों और संदर्भ के अनुसार अनुकूलित किया जाएगा. भारत सरकार को इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि गूगल मैप्स जैसी स्वदेशी चीज को अपनाया जा सके.

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