किसान ने कलेक्‍टोरेट में खुद पर डाला केरोसिन, पुलिसकर्मियों ने बोतल छीनी

रतलाम। कलेक्टर कार्यालय परिसर में उस समय हड़कंप मच गया जब जमीन विवाद को लेकर ज्ञापन देने आए एक किसान दशरथ पुत्र रामचंद निवासी नामली ने आत्महत्या करने के लिए अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डाल लिया. वह आग लगा पाता, उसके पहले ही पुलिसकर्मियों ने उससे मिट्टी के तेल की बोतल छीनकर उसे एक तरफ कर समझाइश दी. उसका तथा उसके भाइयों का आरोप है कि उनकी पैतृक जमीन की कुछ लोगों ने फर्जी रजिस्ट्री व नामांतरण करा लिया है. प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है, इसलिए यह कदम उठाया जा रहा था.

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यह है पूरा मामला

दशरथ व उसके भाई गोपाल, नंदराम, विक्रम व ईश्वर स्वजन व अन्य लोगों के साथ कलेक्टर कार्यालय में दोपहर करीब 12.45 बजे ज्ञापन देने आए थे.

इस दौरान हतनारा के किसान भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा खेत में स्पे कर लहसुन की फसल नष्ट करने के मामले को ज्ञापन देने आए हुए थे. तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ज्ञापन लेने आए थे.

वे ज्ञापन लेकर पढ़ रहे थे, तभी ईश्वर कहने लगा कि सुनवाई नहीं हो रही है, दो माह से चक्कर लगा रहे हैं. इसी बीच उनके पीछे खड़े उनके बड़े भाई दशरथ ने मिट्टी के तेल की बोतल निकाली तथा अपने शरीर पर तेल डाल लिया.

यह देख आसपास खड़े लोगों में हड़कंप मच गया. वह माचिस निकालकर आग लगा पाता उसके पहले ही पुलिसकर्मी उसके पास पहुंचे तथा उससे बोतल छीनकर उसे एक तरफ किया.

नंदराम को एक तरफ ले जाकर उसे ऐसा नहीं करने की समझाइश दी गई.

ईश्वर दशरथ ने बताया कि दो माह से चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गए है, कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.

5 नामांतरण आदेश की प्रति दिलाई जाए

दशरथ, नंदराम, ईश्वर व उनके भाईयों नामली में उनकी सर्वे क्रमांक 1043/2 की आठ बीघा जमीन है. वर्ष पहले पिता ने मौखिक रूप से बंटवारा कर दिया है.

पांचों भाइयों को एक-एक बीघा जमीन दी गई है, जिसपर वे खेती करते अपने-अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं.

कुछ लोगों ने पिता को बहला-फुसलाकर फर्जी तरीके तथा तहसीलदार व कम्प्यूटर आपरेटर की मिलीभगत से पैतृक जमीन की रजिस्ट्री व नामांतरण करवा लिया है.

उन्हें जब रजिस्ट्री संजय व राहुल नामक व्यक्तियों के नाम होने की जानकारी मिली थी तो उन्होंने नामांतरण उनके नाम नहीं करने के लिए नामली तहसील न्यायालय में आवेदन दिया था तथा कोर्ट से स्टे भी लिया था.

इसके बाद भी 21 जनवरी 2025 को नामांतरण दूसरों के नाम कर दिया गया. हम नामांतरण आदेश की प्रति तहसीलदार नामली से मांग रहे हैं.

वे नहीं दे रहे तथा हमारे साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. वे कहते है कि आपकी फाइल गुम हो गई है. हमें नामांतरण आदेश की प्रति दिलवाई जाए.

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