इंदौर शहर के बाद अब राजधानी भोपाल में भी भिक्षावृत्ति के खिलाफ सख्ती की क़वायद शुरू हो गई है. सोमवार को भोपाल कलेक्टर ने जारी एक आदेश में कहा है कि ट्रैफिक सिग्नल चौराहों, धार्मिक स्थल पर भिक्षावृत्ति पर लिप्त व्यक्तियों पर कार्रवाई होगी.
भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने राजधानी में ट्रैफिक सिग्नल चौराहों, धार्मिक स्थल पर भिक्षावृत्ति पर लिप्त व्यक्तियों लगाम लगाने के निर्देश लगाम लगाने के लिए निर्देश देते हुए कहा है कि भोपाल में भीख मांगने और भीख देने वालों पर कार्रवाई होगी.
इंदौर में पूरी तरह से प्रतिबंधित की जा चुकी है भिक्षावृत्ति
गौरतलब है इंदौर में भी भिक्षावृत्ति का पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है. कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के लिए एक मुहिम की शुरूआत करते हुए शहर में भीख मांगने या देने पर सख्त पाबंदी लगा दी है, जहां अब अगर कोई व्यक्ति भिक्षा मांगता या देता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
नशे और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होते हैं भिखारी
भोपाल कलेक्टर ने कहा कि भिक्षावृत्ति में लगे अधिकांश व्यक्ति नशे या अन्य गतिविधियों में लिप्त भी होते है. इसी तरह भिक्षावृत्ति कराने की आड़ में कई आपराधिक गतिविधियां भी संचालित की जाती है. ट्रैफिक सिग्नलों पर भिक्षावृत्ति के कारण दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है और सरकार ने भी भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए समय-समय पर समुचित निर्देश जारी किए हैं.
जारी आदेश में भोपाल कलेक्टर ने कहा कि एक ओर जहां ये लोग भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाने वाले आदेशों की अवहेलना कर रहे है, दूसरी ओर सामान्य यातायात में बाधा पैदा करते हैं. भिक्षावृत्ति करने वालों में शामिल कई व्यक्तियों का आपराधिक इतिहास भी रहता है.
भोपाल में भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया
भोपाल कलेक्टर जारी नए आदेश के मुताबिक राजधानी में भिखारियों को भीख के स्वरूप में कुछ भी देने या उनसे किसी भी प्रकार के सामान खरीदने ले प्रतिबंधित किया गया है और जो व्यक्ति भिखारियों को को भिक्षा स्वरूप कोई चीज प्रदान करता पकड़ा जाता है या देता है या इनसे कोई सामान खरीदता हैं तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
सिनल्स पर लगे CCTV से होगी भिखारियों की निगरानी
भिखारियों को भिक्षावृत्ति से रोकने और उनके पुनर्वास को लेकर भोपाल कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं. जारी आदेश में कहा गया है कि भिखारियों को प्रतिस्थापित कर उनके रहने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोलार के आश्रय स्थल को भिक्षुक गृह के रुप में आरक्षित किया गया है. वहीं, सिगनल्स पर लगे CCTV से निगरानी होगी.