हिंदू धर्म शास्त्रों में मासिक दुर्गाष्टमी का दिन बहुत ही पवित्र मानी गया है. ये दिन माता दुर्गा को समर्पित है. हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत पड़ता है. इस दिन माता दूर्गा की विधिपूर्वक पूजा-उपासना की जाती है. जो भी दुर्गाष्टमी का व्रत करते हैं उन पर मां विशेष कृपा करती हैं. उनके घर में खुशियां बनी रहती हैं. मासिक दुर्गाष्टमी पर माता की पूजा और व्रत के साथ मां का ध्यान भी किया जाता है. ऐसा करने से जीवन में मुश्किलें नहीं आतीं.
कब है मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, , माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी की तिथि 5 फरवरी 2025 को देर रात 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगी. ये तिथि 6 फरवरी को देर रात 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 6 फरवरी को रखा जाएगा.
पूजा विधि
- मासिक दुर्गाष्टमी के दिन प्रात: काल स्नान करके साफ वस्त्र पहन लेने चाहिए.
- इसके बााद माता दुर्गा का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
- मंदिर की साफ-सफाई करनी चाहिए.
- इसके बाद मंदिर में एक चौकी रखनी चाहिए. उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाना चाहिए.
- फिर माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर को चौकी पर रखना चाहिए.
- पूजा के समय देवी मां को सोलह श्रृंगार की साम्रगी, लाल चुनरी, लाल रंग के फूल आदि चढ़ाने चाहिए.
- मां दुर्गा की आरती और उनके मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए.
- अंत में मां दुर्गा की आरती करके प्रसाद वितरित करना चाहिए.
ऐसे करें माता का ध्यान
मासिक दूर्गाष्टमी के दिन माता दूर्गा का ध्यान करना चाहिए. इस दिन माता दूर्गा का ध्यान करना बड़ी ही शुभकारी और लाभकारी माना गया है. ध्यान करने लिए मंदिर या घर के किसी शुद्ध एकांत स्थान पर सबसे पहले आसन पर बैठकर जल से आचमन करना चाहिए. फिर हाथ में चावल और फूल लेकर अंजुरी बांधनी चाहिए. इसके बाद माता दूर्गा का ध्यान करना चाहिए. फिर माता के मंत्रों का जाप करना चाहिए. माला भी जपनी चाहिए.
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन शक्ति की अराधना की जाती है. इस दिन मां की पूजा और व्रत करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
Disclaimer:इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है.