दिग्गज अभिनेता और टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. वहीं एक बार फिर उन्होंने मांसाहारी भोजन और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को एक सवाल के जवाब में मांसाहारी भोजन पर पूरे देश में प्रतिबंध लगाने की वकालत कर दी. साथ ही उन्होंने यूसीसी को लागू करने का समर्थन कर दिया.
मांसाहारी भोजन पर लगे प्रतिबंध
वहीं बीफ बैन करने के सवाल पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बीफ ही क्यों मैं तो कहता हूं, सामान्य रूप से मांसाहारी भोजन पर भी देश में प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. हमारे देश में कई जगह पर बीफ पर बैन है, लेकिन कई इलाकों में यह अभी भी खुलेआम बिकता है. नॉर्थईस्ट में लोग इसे खुलेआम खा सकते हैं, लेकिन नॉर्थ इंडिया में नहीं.
यूसीसी में कई बारीकियां और खामियां
उन्होंने कहा कि जो नियम नॉर्थ इंडिया में लागू किए जा सकते हैं, वो नॉर्थईस्ट राज्यों में नहीं लागू किए जा सकता. सांसद ने कहा कि ऐसे ही यूसीसी में भी कई बारीकियां और खामियां हैं. यूसीसी प्रावधानों का मसौदा तैयार करने से पहले एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जानी चाहिए. जिसमें राजनीति से अलग हटकर चर्चा हो.
गुजरात भी UCC की तरफ बढ़ा रहा कदम
गुजरात की बीजेपी सरकार ने राज्य में यूसीसी की आवश्यकता का आकलन करने और इसका मसौदा विधेयक तैयार करने के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमेटी 45 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके बाद यूसीसी के कार्यान्वयन के बारे में निर्णय लिया जाएगा.
सरकार ने किया कमेटी का गठन
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कमेटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए मुस्लिम समुदाय सहित धार्मिक नेताओं से भी मुलाकात करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी की आवश्यकता का आकलन और इसका मसौदा विधेयक तैयार करने के लिए, हमने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति के नेतृत्व में एक कमेटी बनाने का फैसला किया है. कमेटी के अन्य सदस्यों में आईएएस के सेवानिवृत्त अधिकारी सीएल मीणा, अधिवक्ता आरसी कोडेकर, वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ शामिल हैं.