श्रद्धा पर हथौड़ा : मिर्ज़ापुर में सैकड़ों वर्षों पुराना मंदिर तोड़े जाने से भड़के ग्रामीण, आंदोलन की चेतावनी

 

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मिर्ज़ापुर : उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में बीएसए का एक आदेश ग्रामीणों में आक्रोश का कारण बन बैठा है. आक्रोशित ग्रामीणों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. आक्रोश का कारण बीएसए का वह आदेश बना है जिसमें सैकड़ों वर्षों पुराना मन्दिर परिसर तोड़े जाने का आदेश दिया गया है.

बताते चलें कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मिर्ज़ापुर के आदेश पत्रांक: एस.एस.ए/निर्माण/5334-42/ 2024-25, 09/11/2024 के द्वारा कोन विकास खंड क्षेत्र के ग्राम कमासिन प्राथमिक विद्यालय प्रथम के प्रांगण में स्थित स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों और अनेकों साधु सन्तों की शरणस्थली रहे गांव की ऐतिहासिक विरासत तथा पूरे क्षेत्र की जनता के श्रद्धा के केंद्र सैकड़ों वर्षों पुराने मन्दिर परिसर के हिस्से को गत 23 जनवरी 2025 को अनधिकृत रूप से नीलामी कराकर, तोड़ कर नष्ट कर दिया गया.

ग्रामीणों का कहना है कि नीलामी की प्रक्रिया अत्यन्त संदेहास्पद और गोपनीय रही, इसमें न तो किसी समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया और न ही गांव में कोई मुनादी करवाई गई, केवल एक दिन पहले विद्यालय और आस-पास के कुछ घरों पर नीलामी की सूचना चस्पा की गयी तथा कुछ घंटे बाद उसे नोच कर हटा दिया गया और अगले ही दिन नीलामी कर दी गई.

यह सारा कार्य गांव के कुछ असामाजिक तत्वों की मिलीभगत से सम्पन्न किया गया, जिसमें प्रधानाध्यापक अलीहसन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। नीलामी का सर्वप्रथम प्रयास 12 दिसम्बर 2024 को किया गया था, जिसे तुरन्त हस्तक्षेप कर रुकवाया गया था, लेकिन बड़ी चालाकी और गुपचुप तरीके से 23 जनवरी को इस कुकृत्य को अंजाम दे दिया गया.

जिससे गांव की ऐतिहासिक भव्यता को रेखांकित करने वाली एक पुरातात्विक महत्व की वस्तु नष्ट हो गयी. इस घटना से क्षेत्र की जनता अत्यन्त आहत और अपमानित अनुभव कर रही है और पूरे क्षेत्र में इसे लेकर अत्यन्त रोष व्याप्त है. इस मामले को लेकर ग्राम कोल्हुआं के कम्पनी घाट पर अचला सप्तमी मेले में गंगा जी के किनारे एक सभा की गई,

जिसमें इस घटना में शामिल बीएसए, एबीएसए, प्रधानाध्यापक सहित सभी अपराधियों को दण्डित कराने और उन्हीं लोगों द्वारा मन्दिर परिसर को उसी रूप में फिर से निर्मित कराने के लिए संकल्प लिया गया.जिसमें ग्राम कमासिन, गहियां और कोल्हुआं के प्रवीण कुमार सिंह, नरेंद्र कुमार सिंह, त्रिलोकीनाथ चौबे, श्रीराम ओंकार चौबे, अरविन्द श्रीवास्तव, अरुण कुमार मिश्र, अंजनी चौबे, अयोध्या नाथ चौबे, ब्रह्मदेव दुबे, सुशील कुमार उपाध्याय, पृथ्वीपाल सिंह, रुद्रेश प्रताप सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे.

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