अयोध्या : इस बार होली का उत्सव बेहद भव्य होने जा रहा है. रामलला को 40 दिनों तक रोज़ गुलाल लगाया जाएगा, जिससे मंदिर परिसर रंगों से सराबोर रहेगा. वसंत पंचमी से ही इस उत्सव की शुरुआत हो चुकी है, और अब भक्तों व संतों के बीच रंगभरी एकादशी से उल्लास और बढ़ जाएगा.
विशेष आयोजन और परंपरा
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरी होली होगी, लेकिन इस बार आयोजन पहले से भी अधिक भव्य रहने वाला है. हर दिन भगवान के श्रृंगार में विविध रंगों का अबीर और गुलाल अर्पित किया जाएगा. भक्तों द्वारा भेजे गए गुलाल को रामलला को समर्पित किया जाएगा, जिससे वे भी इस उत्सव का हिस्सा बन सकें.
अन्य मंदिरों में भी रंगोत्सव
अयोध्या के प्रमुख मंदिरों—हनुमानगढ़ी, कनक भवन, हनुमत सदन और रामवल्लभाकुंज—में भी यह रंगोत्सव मनाया जाएगा. यहां भी भगवान के विग्रह को चंदन और गुलाल से सजाया जाएगा। पुजारी और भक्तगण इस रंगोत्सव में पूर्ण भक्ति और भावनात्मक उत्साह से भाग लेंगे.
भक्ति और उल्लास का संगम
रंग भरी एकादशी से यह उत्सव और भी भव्य रूप ले लेगा. भगवान को अर्पित गुलाल को अर्चक और भक्त आपस में भी लगाकर इस आध्यात्मिक उल्लास में सहभागी बनेंगे. फाल्गुन मास में यह पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा और 14 मार्च को अयोध्या में होली के विशेष रंग खेले जाएंगे.
यह पर्व केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का एक अनुपम संगम होगा, जिसमें हर भक्त रंगों में भीगकर भगवान की भक्ति में रम जाएगा.