तीन साल बाद उज्जैन में लगने जा रहे महाकुंभ सिंहस्थ में 22 हजार 200 टन कचरा निकलने का अनुमान नगर निगम ने लगाया है. अनुमान है कि प्रतिदिन औसत 740 टन कचरा (सालिड वेस्ट) निकलेगा.
इतने कचरे का बेहतर प्रबंधन करने के लिए सरकार से 15220 सफाई कर्मचारी, 379 वाहन, चार नए कचरा ट्रांसफर स्टेशन और 50 हजार बायो टायलेट की अपेक्षा की गई है. पिछली बार महाकुंभ में सात करोड़ श्रद्धालु आए थे, इस बार 13 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है
ढाई से तीन गुना बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
बता दें कि 92.68 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले उज्जैन शहर की आबादी सात लाख के करीब है. यहां ‘महाकाल महालोक’ के रूप में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर का विस्तार होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या ढाई से तीन गुना बढ़ गई है.
उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड का कहना है कि उज्जैन शहर में रोजाना चार लाख 81 हजार लोगों का आवागमन होता है. रेलवे का कहना है कि वर्तमान में उज्जैन रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन औसत 36946 व्यक्ति ट्रेन से उतरते-चढ़ते हैं.
पिछले सिंहस्थ में सात करोड़ श्रद्धालु आए थे
सिंहस्थ के दरमियान ये संख्या 66132 हो सकती है।. नगर निगम का कहना है कि अभी प्रतिदिन शहर से रोजाना औसत 240 टन (महीने में 7200 टन) कचरा निकलता है. पिछले सिंहस्थ के दौरान महीनेभर में सात करोड़ श्रद्धालु उज्जैन आए थे, तब महीनेभर में 18700 टन कचरा निकला था.
इसकी कीमत 150 रुपये प्रति टन के हिसाब से 28 लाख पांच हजार रुपये थी। इन सब आंकड़ों का अध्ययन, विश्लेषण करने के बाद ही नगर निगम ने सिंहस्थ के दौरान 22200 टन कचरा उत्सर्जित होने का अनुमान लगाया है।
इतने कचरे के एकत्रीकरण, परिवहन एवं सड़क-नाली की सफाई के लिए वाहन एवं कर्मचारियों की उपलब्धता का आकलन किया है। प्रारंभिक योजना से अपर मुख्य सचिव डा. राजेश राजोरा को अवगत कराया जा चुका है।
‘ग्रीन सिंहस्थ, क्लीन सिंहस्थ’ अवधारणा पर होगा काम
पिछली बार की तरह इस बार भी यहां ग्रीन सिंहस्थ, क्लीन सिंहस्थ अवधारणा पर काम होगा। इसका मतलब है कि महाकुंभ के दौरान शहर और मेला क्षेत्र स्वच्छ तो होगा ही हरियाली से आच्छादित भी होगा।
नगर निगम हर संभव प्रयास करेगा कि मेला प्रतिबंधित प्लास्टिक कचरा मुक्त हो। योजना, जीरो वेस्ट सिंहस्थ इवेंट की बनाई जा रही है। इसमें सारे कचरे का बेहतर तरीके से संग्रहण कर वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन किया जाएगा।
शहर से 12 किलोमीटर दूर गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड में भारत सरकार की नवरत्न कंपनी गैस अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा स्थापित किए जाने वाले कम्प्रेस्ड बायोमिथिनेशन प्लांट की इसमें अहम भूमिका होगी।
मच्छर मारने तक के होंगे इंतजाम
सिंहस्थ में कचरा संग्रहण, सफाई कार्य के साथ मच्छर मारने तक के इंतजाम होंगे। पिछली बार मच्छरों को पनपने से रोकने और मलेरिया की रोकथाम पर सवा करोड़ रुपये खर्च हुए थे। घाट क्षेत्र में शाही स्नान वाले दिन सुगंधित स्प्रे भी किया था। ऐसा इस बार भी किए जाने की योजना है।