4 महीने के युवराज को ऐसी कौन सी बीमारी, इलाज के लिए इंजेक्शन का खर्च है 9 करोड़

राजस्थान की राजधानी जयपुर के झोटवाड़ा इलाके में रहने वाले करीब चार महीने के युवराज का परिवार बेबसी की स्थिति में है. युवराज को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) नाम की एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसके इलाज के लिए करीब 9 करोड़ रुपये की जरूरत है.

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परिवार क्राउड फंडिंग के जरिए मदद मांग रहा है और सरकार से भी चाहता है कि वह लड़के के इलाज के लिए तत्काल सहायता प्रदान करे, क्योंकि जिन डॉक्टरों से उन्होंने कंसल्ट किया है, उन्होंने बताया कि अगर इलाज नहीं किया गया तो लड़का ज्यादा वक्त तक जिंदा नहीं रह पाएगा.

बच्चे को लेकर डॉक्टर ने क्या कहा?

युवराज की मां प्रियंका राय ने बताया कि, “शुरू में तो सब ठीक था लेकिन जब उसके हाथ-पैर हिलने-डुलने बंद हो गए तो हमें लगा कि कुछ गड़बड़ है. हमने उसे कई डॉक्टरों को दिखाया, जिन्होंने बताया कि उसे स्पाइनल डिजीज है. हम उसके इलाज के लिए मदद चाहते हैं.”

इस महीने की 9 तारीख को बच्चा चार महीने का हो जाएगा. पैदा होने के बाद से ही उसकी नाक में नली लगी हुई है. उसकी मां ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया है कि नली के अलावा किसी और तरीके से उसे खाना खिलाने से उसे निमोनिया हो सकता है.

युवराज के चाचा आशीष राय ने कहा, “डॉक्टरों ने हमें जल्द से जल्द इलाज की सलाह दी है. हम एक संपन्न परिवार से नहीं हैं. मैं एक फर्म में काम करता हूं, हम सरकार या किसी और माध्यम से मदद चाहते हैं.”

‘वह बहुत तकलीफ में है…’

परिवार ने बताया कि युवराज के पिता रेलवे में हेल्पर के तौर पर काम करते हैं और परिवार आर्थिक रूप से उसके इलाज का खर्च उठाने की स्थिति में नहीं है. युवराज के चाचा आशीष राय ने कहा, “वह बहुत तकलीफ में है. ट्यूब 24 घंटे उसके शरीर से जुड़ी रहती है. हम चाहते हैं कि सरकार और लोग उसका इलाज करवाने में हमारी मदद करें.” पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी के जरिए बच्चे के लिए मदद की मांग की.

स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी रोग एक डिजनरेटिव जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें रोगी की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती जाती है. इस रोग में, पीड़ित की रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क स्टेम में तंत्रिका कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. बहुत कम वक्त में मांसपेशियां कमज़ोर होने के साथ-साथ सड़ने लगती हैं.

दुर्लभ एसएमए रोग के लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, सांस फूलना, कंधों और पैरों में कमजोरी, खाने में कठिनाई, मांसपेशियों में लगातार कमजोरी, साथ ही हाथों में कंपन के अलावा रीढ़ की हड्डी में झुकाव शामिल हैं.

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