मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कूनो में 5 चीतों को जंगल में छोड़ा, चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा भी की

श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की पुनर्स्थापना के इतिहास में बुधवार को नया अध्याय जुड़ गया। भारत की धरती पर जन्म लेने वाले तीन शावकों को बाड़े से मुक्त कर जंगल में छोड़ दिया गया। तीनों शावकों की मां आशा और एक अन्य मादा चीता धीरा को भी छोड़ा गया है।

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शावकों की उम्र एक वर्ष से अधिक हो चुकी है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। अब कूनो के जंगल में चार वयस्क चीते और तीन शावक खुले में विचरण कर रहे हैं। नर चीता अग्नि और वायु को करीब दो महीने पहले जंगल में छोड़ा गया था।

17 सितंबर, 2022 को चीते नामीबिया से भारत लाए जाने के बाद से सभी को इस बात का इंतजार था कि इन विदेशी चीतों से जन्म लेने वाले भारतीय चीते खुले में घूमते नजर आएं। प्रोजेक्ट की शुरुआत के बाद शावकों को पहली बार जंगल में छोड़ा गया है।

शिकार करके भोजन का इंतजाम करना सीखेंगे

आशा चीता के साथ रहकर उसके शावक जंगल में वन्यजीवों का शिकार करके भोजन का इंतजाम करना सीख सकेंगे। पार्क प्रबंधन ने इनकी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। आशा और तीनों शावकों की निगरानी के लिए दो टीमें तैनात की गई हैं।

 

वापस बाड़े में बंद कर दिया था

अब संभावना है कि पर्यटकों को चीते जंगल में एक साथ दिखाई दें। इससे पहले कूनो प्रबंधन बाड़े से लगभग आधा दर्जन चीतों को बारी-बारी से जंगल में छोड़ चुका है। संक्रमण से बीमार होने के बाद सभी को वापस बाड़े में बंद कर दिया गया था। प्रबंधन के अनुसार, अब परिस्थितियां अनुकूल हैं, ऐसे में शावकों को भी जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया है।

 

जब बाक्स से निकले चीता को देख सहमे अधिकारी

कूनो के जंगल में चीतों को अब तक बाड़े के गेट खोलकर ही छोड़ा जाता रहा है। इस बार चीता को बाक्स में बंद कर लाया गया। इस बाक्स के गेट को जब सीएम ने जब चीते को रिलीज करना चाहा तो पिंजरे में उल्टी ओर मुंह करके बैठा चीता निकलने के प्रयास में सीएम सहित अन्य मौजूद लोगों की ओर मुंह करके बाहर आया, ऐसे में सीएम समेत वहां मौजूद तमाम लोग कुछ पल के लिए सहम गए।

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