स्किल डेवलपमेंट से खुलेंगी सेल्फ इंप्लॉयमेंट के रास्ते, गांवों में मिटेगी गरीबी

बिलासपुर। ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी मुक्त गांव का निर्माण करने कौशल विकास योजना के तहत कई कार्यक्रम सीएसआईसी की ओर से चलाया जा रहा है। संस्थान में टैली, कम्प्यूटर, फास्ट फूड और अन्य स्वरोजगारोन्मुखी यानी सेल्फ इंप्लॉयमेंट के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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इसके साथ ही ग्रामीणों को बैकिंग के गुर भी सिखाए जा रहे हैं। इससे लोन की बारीकियों के साथ ही बैंक किस तरह से काम करता है, इसे भी विस्तार से समझाया जा रहा है। गरीबी मुक्त गांव बनाने के लिए चलाई जा रही कौशल विकास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम सीएसआईसी (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) चला रही है।

दो लाख तक का मिल रहा लोन

कौशल विकास के तहत कम्प्यूटर के साथ ही टैली, फास्ट फूड और कई स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में कम्प्यूटर के साथ फास्ट फूड का प्रशिक्षण ग्रामीणों को दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त ग्रामीणों को एसबीआई की ओर से दो लाख तक लोन भी दिया जा रहा है।

इससे ग्रामीण प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। निदेशक राजेंद्र साहू ने बताया कि स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक स्थिरता लाने के लिए कौशल विकास योजना के तहत फास्ट फूड व अन्य स्वरोगारोन्मुखी प्रशिक्षण ग्रामीणों को दिया जा रहा है। इससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाकर परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे लोग।

25 महिलाएं ले रही हैं रोजगार की ट्रेनिंग

कौशल विकास योजना के तहत संस्थान में वर्तमान में 25 महिलाएं सीएसआईसी कोनी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। एसबीआइ ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के अधिकारी इन महिलाओं को फास्ट फूड का प्रशिक्षण देने के साथ ही स्किल डेवल्पमेंट के गुर भी सिखा रहे हैं। इससे इन महिलाओं को रोजगार करने के दौरान किसी भी चुनौतियों से निपटने में सहायता मिल सकेगी।

25 महिलाएं सीख रहीं फास्ट फूड बनाने के गुर

वे महिलाएं जो घर में रहकर स्वयं का रोजगार शुरू करना चाहती हैं, ऐसी महिलाओं के लिए सीएसआईसी ने एक से 13 फरवरी तक कस्टम ज्वेलरी उद्यमिता प्रशिक्षण आयोजित करने की योजना बनाई है। प्रशिक्षण में बिलासपुर, मुंगेली और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिलों की 35 महिलाओं को शामिल किया जाएगा।

ज्वेलरी उद्यमिता का कोर्स होगा शुरू

संस्थान द्वारा दिया जाने वाला प्रशिक्षण निश्शुल्क और आवासीय होता है। ग्रामीणों को उनके घर में ही रोजगार मुहैया कराना व उन्हे आर्थिक स्थिरता प्रदान करना ही शासन का उद्देश्य है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ग्रामीण दूर-दराज के क्षेत्र से भी आते हैं। ऐसे प्रतिभागियों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था भी की जाती है। -राजेन्द्र साहू निदेशक, सीएसआईसी

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