राजस्थान में सरकार बदली लेकिन हजारों स्कूटी की किस्मत नहीं, जानें क्या है पूरा मामला

राजस्थान में सरकार बदली लेकिन हजारों स्कूटी और छात्राओं की तकदीर नहीं बदली. एक साल पहले चमचामाने वाली हजारों स्कूटी अब घास के मैदान में घास का ही हिस्सा बन गई हैं. सरकारी सिस्टम की खामी के चलते 385 करोड़ की कीमत वाली स्कूटी बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर समेत कई जिलों में स्कूल के घास के मैदान में या डीलर के पास ग्राउंड में पड़े-पड़े कबाड़ में बदल रही हैं.

Advertisement

इन स्कूटियों को पिछली गहलोत सरकार ने खरीदा था लेकिन अब राज बीजेपी का है. उस सरकार का कसूर ये था कि चुनाव में जाते-जाते चुनावी फायदा उठाने के लिए करोड़ों की स्कूटी खरीदने का टेंडर कर लिया. ये जानते हुए कि वो मौजूदा कार्यकाल में बांट नहीं पाएंगे. अब मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार की ‘काली बाई भील स्कूटी योजना’ को यथावत रखा.

13.50 करोड़ रुपये है 1690 स्कूटी की कीमत

इस योजना के तहत ये सरकार भी 200 करोड़ की नई स्कूटी खरीदने की तैयारी कर रही है. मगर, एक साल पहले खरीदी गई हजारों स्कूटी का भविष्य फिलहाल फाइल में कैद है. बांसवाड़ा के सरकारी कॉलेज के मैदान में घास लहलहा रही है. एक साल पहले नई दिखने वाली इन स्कूटी का रंग भी अब फीका हो गया है.

ये स्कूटी 10वीं और 12वीं में 60% से अधिक नंबर लाने वाली छात्राओं को मेरिट लिस्ट के आधार पर बांटी जानी थीं. ऐसी 1009 स्कूटी हैं, जो बांसवाड़ा में अलग-अलग जगह रखी हुई हैं. अकेले बांसवाड़ा जिले में रखीं 1690 स्कूटियों की कीमत करीब 13.50 करोड़ है. राजस्थान सरकार ने साल 2021-22 में कालीबाई भील स्कूटी वितरण और देवनारायण योजना के तहत प्रतिभावान छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूटी देने की घोषणा की थी.

कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर लगाया ये आरोप

इसमें राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 65 फीसदी और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 75% से ऊपर अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी देने का प्रावधान किया गया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ये न सिर्फ राजनीतिक भेदभाव के आधार मेधावी छात्राओ के साथ अन्याय है.

साथ ही सरकारी धन का भई नुकसान है. उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा कि ये स्कूटी पिछले सत्र यानी 2022 -23 की हैं. डीलर ने समय पर डिलीवरी नहीं कि इस वजह से बांट नहीं पाए. अब इस सत्र में पुरानी भी देंगे और नई भी खरीदेंगे. साथ ही डीलर पर जुर्माना भी लगाएंगे.

Advertisements