‘दर्शन के लिए किसी ने रुपये तो नहीं लिए?’ महाकाल मंदिर प्रशासन ने भक्तों से लिया फीडबैक..

जय श्री महाकाल… आपसे भस्म आरती दर्शन के लिए मंदिर में किसी भी व्यक्ति ने निर्धारित शुल्क (200 रुपये) से अधिक रुपये तो नहीं लिए हैं? इस प्रश्न के साथ अब अगर ऐसा कोई फोन कॉल आपके पास आए तो चौंकिएगा नहीं, क्योंकि ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर कार्यालय से भस्म आरती दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों से यह फीडबैक लिया जा रहा।

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कर्मचारियों की भूमिका सामने आई है

इन मामलों में मंदिर के कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आती रही है। उन पर कार्रवाई भी होती है लेकिन यह सिलसिला थमता नहीं है। भस्म आरती दर्शन के लिए दो सौ रुपये और प्रोटोकाल दर्शन के लिए 250 रुपये का शुल्क निर्धारित है, लेकिन इसे ऑनलाइन या कैश काउंटर पर जमा कराने के अतिरिक्त भी कर्मचारी और दलाल भक्तों से अधिक धनराशि वसूल लेते हैं।

दरअसल, मंदिर में दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की रोकथाम के लिए यह कदम उठाया गया है। वजह यह है कि ऐसे बहुत सारे मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें ज्योतिर्लिंग में दर्शन और भस्म आरती के नाम पर भक्तों से अवैध वसूली की गई।

आम भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित

आम भक्तों के लिए लंबे समय से गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित है, फिर भी भक्तों से गर्भगृह में पूजन के नाम पर वसूली के मामले सामने आए। इस सबको देखते हुए मंदिर प्रशासन ने इस बार सख्ती की है और भक्तों से फीडबैक लेने की व्यवस्था की है ताकि अवैध वसूली करने वालों के हौसले टूट सकें और कार्रवाई की जा सके।

कलेक्टर ने पकड़ा था पूरा गिरोह

उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2024 में मंदिर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने आए कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने भक्तों से रुपये लेकर दर्शन कराने वाले कर्मचारियों का एक पूरा गिरोह पकड़ा था। जांच में जिला प्रोटोकाल कार्यालय के मंदिर की सत्कार शाखा में कार्यरत कर्मचारियों की पूरी गैंग भ्रष्टाचार में लिप्त पाई गई थी।

धोखाधड़ी का केस दर्ज

पुलिस ने मंदिर समिति की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। इस मामले में मंदिर समिति के कर्मचारियों सहित कुल 14 लोगों को आरोपित बनाया गया है। इनमें से 10 लोग जेल में हैं। शेष पर पुलिस ने इनाम घोषित किया हुआ है।

भस्म आरती व वीआईपी दर्शन के लिए लेते हैं रुपये

महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों से भस्म आरती दर्शन अनुमति दिलाने, गर्भगृह की दहलीज व नंदी मंडपम से वीआइपी दर्शन कराने के नाम पर रुपये लिए जाते थे। इस काम में मंदिर के बाहर हार फूल की दुकान लागने वाले कुछ व्यवसायी, मंदिर कर्मचारी व सुरक्षाकर्मी संलिप्तता सामने आई है।

मंदिर समिति इन पर रोक लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। इसलिए दलालों के चंगुल में फंसते हैं भक्त महाकाल मंदिर समिति प्रतिदिन 300 सामान्य दर्शनार्थियों को निश्शुल्क भस्म आरती अनुमति प्रदान करती है।

200 रुपये शुल्क लिया जाता है

इसके अलावा प्रोटोकाल तथा ऑनलाइन अनुमति प्राप्त करने के लिए 200 रुपये शुल्क लिया जाता है। इसके अलाव दिनभर में प्रोटोकाल दर्शन के लिए 250 रुपये शुल्क चुकाना होता है। लेकिन भस्म आरती में सीटों की संख्या (1700) निर्धारित है।

इधर प्रोटोकाल दर्शन के लिए सांसद, विधायक, मंत्री, पार्टी संगठन तथा विभिन्न विभागों के प्रमुख की सिफारिश अनिवार्य है। इनके बिना किसी भी व्यक्ति को प्रोटोकाल के तहत नंदी हाल से दर्शन नहीं हो सकते हैं, इसलिए दलाल श्रद्धालुओं को वीआईपी दर्शन कराने व भस्म आरती अनुमति दिलाने के नाम पर हजारों रुपये ले लेते हैं।

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