इंदौर। सर, मैं कश्मीर से बात कर रहा हूं.यहां एक भिक्षुक को भिक्षा लेते हुए पकड़ लिया है. मेरे सामने ही है. आपकी टीम कब तक आएगी. मुझे इनाम की राशि कैसे मिलेगी?… इस तरह के फोन देशभर के अलग-अलग राज्यों से हर दिन इंदौर की भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान टीम के पास आ रहे हैं.
देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का अब भिक्षुक मुक्त अभियान भी देशभर में उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है. इंदौर जिले में भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के लिए इंदौर कलेक्टर ने यह अनूठा प्रयोग करते हुए चौराहों, धार्मिक स्थलों सहित अन्य जगह भिक्षा मांगने वालों की सूचना देने वाले शहरवासियों को एक हजार रुपये का इनाम देना शुरू किया.
दूसरे शहरों से आए कॉल
इसका परिणाम यह रहा कि इंदौर में एक माह में अब तक 23 लोगों को भिक्षुकों की सूचना देने के लिए पुरस्कृत किया गया। 100 से अधिक भिक्षुक भी पकड़े गए. भिक्षुकों पर नियंत्रण के लिए इंदौर में शुरू हुआ यह प्रयोग व हेल्पलाइन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
इसका असर यह रहा कि विगत दिनों भिक्षुक पकड़ने के लिए गुवाहटी, असम, पुडुचेरी, नागपुर सहित अन्य बड़े शहरों से 150 से ज्यादा कॉल इंदौर की टीम के पास आ चुके है.
भिक्षा देने पर सीधे केस दर्ज
महिला व बाल विकास विभाग द्वारा संचालित भिक्षावृत्ति मुक्त इंदौर अभियान के तीसरे चरण में दो जनवरी को कलेक्टर आशीष सिंह ने आदेश जारी किया था, जो 28 फरवरी तक लागू रहेगा. इस दौरान भिक्षुकों को भिक्षा के रूप में कुछ भी देने पर, उनसे किसी तरह की सामग्री क्रय करने पर सीधे प्रकरण दर्ज किया जाएगा.
दी गई इनामी राशि
इसके साथ ही भिक्षावृत्ति की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 9691494951 जारी किया गया. जिस पर भिक्षुकों की सूचना देने वालों को एक हजार रुपये बतौर इनाम देने का भी कहा गया. इसके बाद से हर दिन बड़ी संख्या में कॉल आने शुरू हो गए. अब तक प्रशासन भिक्षुकों की सूचना देने वाले 28 लोगों का सम्मान कर उन्हें इनामी राशि दे चुका है.