सोनभद्र : सोनभद्र अपनी खनन गतिविधियों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां अवैध खनन और परिवहन के आरोपों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इन आरोपों में खनन विभाग की मिलीभगत की बातें भी सामने आती रही हैं. हालांकि, खनन विभाग हमेशा इन आरोपों को खारिज करता आया है. इस बार, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मुख्य सचिव मनोज सिंह के सोनभद्र दौरे के दौरान मोटर मालिकों ने खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
सोनभद्र से लौटते समय मोटर मालिकों ने लोढ़ी टोल प्लाजा पर मुख्य सचिव का काफिला रोककर अपनी शिकायत दर्ज कराई. मोटर मालिकों का आरोप है कि खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह की मिलीभगत से बिना खनन प्रपत्र के हजारों गाड़ियां धड़ल्ले से चल रही हैं. यहां तक कि फर्जी खनन प्रपत्र छपवाकर खनन विभाग की सह पर गाड़ियां पास हो रही हैं. खनन क्षेत्र में कई लाख घनमीटर अवैध गिट्टी पड़ी हुई है, लेकिन सिर्फ 100 फीट गिट्टी ज्यादा होने पर लाखों रुपये की पेनल्टी लगा दी जाती है.
मोटर मालिकों का कहना है कि खनन विभाग के तानाशाही रवैये के कारण कई मोटर मालिक लूट की कगार पर पहुंच चुके हैं और लाखों रुपये के कर्ज में डूब गए हैं. उनका आरोप है कि मिलीभगत से 165 रुपये की रॉयल्टी 1500 रुपये प्रति घनमीटर में बेची जा रही है. जो मोटर मालिक इनके सिस्टम में नहीं हैं, उन पर रोक लगाकर इतनी पेनल्टी लगा दी जाती है कि मोटर मालिक मोटर बेचने पर मजबूर हो जाते हैं.
अवैध खनन और परिवहन की शिकायत को लेकर मुख्य सचिव गंभीर दिखे और कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि शासन का निर्देश है कि माइनिंग एरिया में ही चेकिंग होनी चाहिए. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मोटर मालिक मुख्य सचिव को अपनी व्यथा बताते हुए दिख रहे हैं। यह मामला प्रदेश में खनन व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है.
ट्रक एसोसिएशन सोनभद्र के अध्यक्ष कमल किशोर सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्य सचिव मनोज सिंह को शिकायत की थी और उन्हें बताया गया कि खनन विभाग द्वारा जिले में भ्रष्टाचार फैलाया जा रहा है और लगातार ट्रक मालिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है. कई अन्य विषयों को लेकर पत्रक भी दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि लोडिंग पॉइंट पर ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ विशेष लोगों की गाड़ियां मंदिर, मस्जिद, विधायक और अधिकारियों के नाम पर बिना रॉयल्टी के परिवहन करती हैं. इसमें खनिज अधिकारी की स्वयं की संलिप्तता है. उन्होंने कहा कि विगत 3 माह से जो फर्जी प्रपत्र जनपद में चल रहा है, उसमें 100% खनिज अधिकारी की संलिप्तता थी. इन सब विषयों को लेकर ज्ञापन दिया गया है, जिससे भ्रष्टाचार समाप्त हो और जिले से मोटर मालिक सामान्य रूप से व्यवसाय कर सकें.
संगठन के लोगों पर हुई कार्रवाई के सवाल पर अध्यक्ष ने कहा कि उनके संगठन के 25 लोगों के खिलाफ नामजद फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है, जो निराधार है। उनके पास कोई एविडेंस नहीं है. उन्होंने कहा कि जब वे मुख्य सचिव से शिकायत कर रहे थे, उस समय कोतवाल रॉबर्ट्सगंज, खान अधिकारी और खनिज इंस्पेक्टर मौजूद थे। उन्होंने बस यही जानना चाहा कि आप गलत गाड़ियों को चालान करिए, आप तो सही गाड़ियों का भी चालान कर दे रहे हैं। उनका कहना था कि आप लोगों ने मुख्य सचिव से कंप्लेंट किया है, इसलिए मैं यह चालान कर रहा हूं.