देश के मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ अपना विरोध और तेज कर दिया है. जमात-ए-इस्लामी हिंद ने शुक्रवार (7 फरवरी,2025) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बिल को संविधान की आत्मा के खिलाफ बताया. जमात-ए-इस्लामी हिंद के वाइस प्रेसिडेंट सलीम इंजीनियर ने कहा कि देश के मुसलमानों की राय है कि ये वक्फ संशोधन बिल वक्फ बोर्ड और उसकी संपत्तियों को कमजोर करने का प्रयास है.
उन्होंने कहा कि अगर यह बिल मौजूदा स्वरूप में पास हो जाता है तो ये संविधान की मूल भावना के खिलाफ होगा. उन्होंने कहा कि यह बिल धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है, जो संविधान की ओर से दिए गए मौलिक अधिकारों के विपरीत है.
राज्य सरकारों पर लगाया वक्फ की संपत्तियों कब्जाने का आरोप
संगठन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकारें ही वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर रही हैं. इसी के चलते जमात-ए-इस्लामी हिंद ने सरकार से अपील की है कि वह इस बिल को लागू करने की कोशिश न करे और इसे तुरंत वापस ले. एबीपी न्यूज से बातचीत में सलीम इंजीनियर ने कहा कि सरकार ने किसानों के सुधार बिल के दौरान भी यही गलती की थी. जब किसानों को भरोसे में नहीं लिया गया तो उन्होंने देशभर में विरोध किया और सरकार को आखिरकार बिल वापस लेना पड़ा.
सलीम इंजीनियर ने कहा कि वक्फ बिल का मामला और भी गंभीर है, क्योंकि इसमें धार्मिक पहलू भी जुड़ा हुआ है. अगर सरकार मुसलमानों को विश्वास में लिए बिना ये बिल पास करती है तो यह संविधान के खिलाफ होगा और देश के लिए उचित नहीं होगा.
वक्फ बिल पर विवाद
सरकार के वक्फ बोर्ड में सुधार के दावे को नकारते हुए सलीम इंजीनियर ने कहा कि इससे पहले नागरिकता कानून (CAA) का भी उन्होंने विरोध किया था क्योंकि वह भी संविधान के खिलाफ था. इसी तरह अगर वक्फ संशोधन बिल भी पास होता है तो संगठन कानूनी दायरे में रहकर हरसंभव विरोध करेगा और उचित कदम उठाएगा.