पीएम मोदी का फ्रांस दौरा, राफेल एम डील की हो सकती है घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी तीन दिवसीय फ्रांस यात्रा के दौरान रक्षा क्षेत्र, स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMR) और विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO)से संबंधित महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी. इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर फ्रांस-भारत रोडमैप को अपनाने की योजना है. सूत्रों के अनुसार, भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की डील की घोषणा भी इस यात्रा के दौरान की जा सकती हैं. प्रधानमंत्री मोदी 10 फरवरी की शाम पेरिस पहुंचेंगे. वहां वो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे और द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लेंगे.

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रक्षा और प्रौद्योगिकी पर अहम समझौते

पीएम मोदी की इस यात्रा में सूत्रों के अनुसार, रक्षा, सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहेंगे. यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी. रक्षा सौदों में ‘मेक इन इंडिया’ और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर भी जोर रहेगा.

रक्षा सौदे और AI परियोजनाएं

फ्रांस यात्रा के दौरान भारतीय नौसेना के लिए राफेल-एम लड़ाकू विमानों के अतिरिक्त तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का समझौता भी अंतिम चरण में है. दोनों सौदों की कुल लागत लगभग 10-11 अरब डॉलर है. इसके साथ ही भारत के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए 110 केएन एयरो इंजन के सह-डिजाइन और सह-विकास पर भी चर्चा की जाएगी है. AI समिट में AI फाउंडेशन की शुरुआत की जाएगी. इस समिट में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस और चीन के उप प्रधानमंत्री भी हिस्सा लेंगे.

फ्रांस में भारतीय रक्षा सहयोग का बढ़ता दायरा

यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस की छठी आधिकारिक यात्रा होगी. वहीं दूसरी ओर फ्रांस की कंपनी सफरान, जो राफेल और मिराज-2000 विमानों के इंजन बनाती है, बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया शो में हिस्सा लेगी. कंपनी के पास भारत में 17 सुविधाएं और 2400 से अधिक कर्मचारी हैं. सफरान ने हेलीकॉप्टर और वाणिज्यिक इंजनों के लिए भारत में MRO सुविधाओं की भी स्थापना की है.

इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर पर विशेष ध्यान

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सहयोग के साथ ही भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) भी द्विपक्षीय वार्ता का मुख्य फोकस होगा. फ्रांस इस कॉरिडोर के लिए विशेष दूत नियुक्त करने वाला एकमात्र प्रमुख देश है.

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