दुर्ग: पाटन की फैक्ट्री में नकली दूध-पनीर, छापे में मिला यूरिया, एसिटिक एसिड, केमिकल और ऑयल, सैंपल लिया, रिपोर्ट का इंतजार

दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक में दूध और पनीर की प्रोसेंसिंग यूनिट में खाद्य विभाग ने छापेमारी की है. आशंका है कि फैक्ट्री में नकली दूध और पनीर बनाया जा रहा है. खाद्य विभाग की टीम ने बड़े पैमाने पर दूध, पनीर, दूध पाउडर, यूरिया, केमिकल और ऑयल जब्त किया है खाद्य अधिकारियों का कहना है कि सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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फूड सेफ्टी अधिकारी क्षीर सागर पटेल ने बताया कि उन्हें बुधवार रात सूचना मिली थी कि पाटन के देमार गांव में नकली दूध और पनीर बनाया जा रहा है. उन्होंने स्थानीय पुलिस की मदद से देर रात छापेमारी की. इसके बाद टीम गुरुवार सुबह 11 बजे तक यहां कार्रवाई करती रही.

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मीडिया जब प्रोसेसिंग यूनिट के गोडाउन में पहुंची तो यहां बोरियों में अलग-अलग ब्रांड के दूध पाउडर के सैकड़ों पैकेट मिले. इसके साथ ही यहां पर सैकड़ों टिन के डिब्बों में फूड ऑयल, यूरिया और केमिकल पाया गया. प्रोसेसिंग यूनिट के संचालक नावेद खान ने बताया कि वह दूध पाउडर सेल करते हैं.

जो केमिकल और डिटर्जेंट मिला है, उससे प्रोसेसिंग यूनिट की सफाई की जाती है. खाद्य विभाग की टीम ने पूरे स्टोर रूम को सील कर दिया है.

नावेद खान ने कहा कि जो यूरिया स्टोर रूम में मिला है उसका इस्तेमाल वे अपने गार्डन और खेत में करते हैं. मौके से आधी बोरी यूरिया मिली है. खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सैंपल की जांच के बाद पता चलेगा कि दूध और पनीर में केमिकल और यूरिया मिला है या नहीं.

फैक्ट्री में एसिटिक एसिड के कई गैलेन मिले हैं. गैलन में चेतावनी लिखी है कि इसका उपयोग ग्लव्स बहनकर ही करना है, नहीं तो ये स्किन बर्न कर सकता है. हालांकि फैक्ट्री संचालक का कहना है कि वह इसे मशीन की सफाई के लिए इस्तेमाल करता है.

फैक्ट्री संचालक नावेद खान रायपुर का रहने वाला है. उसका कहना है कि जो फूड ऑयल उसके गोदाम में मिला है वो नमकीन बनाने में इस्तेमाल होता है. उसने कहा कि वो किसी ब्रांड की नमकीन नहीं बनाता बल्कि लूज में बेचता है. उसने बताया कि नमकीन बनाने की यूनिट रायपुर शंकर नगर में और तेल का स्टोर पाटन में करता है.

कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंचे पाटन के नायब तहसीलदार भूपेंद्र सिंह ने कहा कि खाद्य विभाग की टीम ने सैंपल ले लिया है. सैंपल फेल हुआ तो यूनिट संचालक के खिलाफ नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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