36 घंटे से ब्लैकआउट, शहर-शहर अंधेरा… कैसे एक बंदर ने श्रीलंका की कर दी बत्ती गुल?

त्रेतायुग में हनुमान जी ने रावण की लंका में आग लगाई थी. अब कलियुग में एक बंदर ने श्रीलंका को अंधेरे में डुबो दिया है. बीते 36 घंटे से श्रीलंका में ब्लैकआउट है. ब्लैक आउट होने की वजह से कोलंबो समेत देश के कई हिस्सों में बिजली सप्लाई पूरी तरह से ठप है और शहर अंधेरे में डूबे हुए हैं. रात के वक्त लोग अंधेरे में रहने के लिए मजबूर हैं तो दिन में एसी, कूलर और पंखे बंद होने की वजह से गर्मी झुलसा रही है. श्रीलंका में ये हालात बीते 36 घंटों से बने हुए हैं. तमाम प्रयासों के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है.

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दरअसल 9 फरवरी की सुबह 11 बजे अचानक श्रीलंका में बिजली गुल हो गई. पहले लोगों ने इसे सामान्य पावर कट समझा गया लेकिन देखते ही देखते समझ आया कि ये पावर कट किसी एक शहर में नहीं बल्कि पूरे देश में हुआ था. फिर सवाल उठने लगा कि श्रीलंका में अचानक ऐसा क्या हुआ कि पूरा देश अंधेरे में डूब गया. श्रीलंका के ऊर्जा मंत्रालय की मानें तो इसकी वजह एक बंदर है. श्रीलंका में एक बंदर की वजह से देशव्यापी पावर कट हो गया.

पावर स्टेशन में घुसकर बंदर ने की सिस्टम में गड़बड़

सरकार की मानें तो इसके पीछे एक बंदर है. सरकार की मानें तो कोलंबो में मौजूद पावर स्टेशन में एक बंदर घुस गया. बंदर ने पावर स्टेशन के सिस्टम में कुछ गड़बड़ी कर दी जिसकी वजह से पावर स्टेशन बंद हो गया. दावा है कि बंदर की वजह से पूरे देश में ब्लैकआउट हो गया. हालांकि श्रीलंका सरकार के इन दावों की पोल वहां की मीडिया खोल रही है.

स्थानीय मीडिया ने उठाया सवाल

पावरकट के बाद श्रीलंका के स्थानीय अखबार डेली मिरर ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. जो ब्लैकआउट के पीछे एक बंदर का हाथ होने के दावों पर सवाल उठाती है. इसके मुताबिक श्रीलंका के इंजीनियर कई सालों से सरकार को रिपोर्ट भेज रहे रहे थे जिसके मुताबिक श्रीलंका को अपने पावर ग्रिड को अपग्रेड करने की जरूरत है. ऐसा नहीं करने पर देश को बार-बार ब्लैकआउट का सामना करना पड़ेगा. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या वाकई इस देशव्यापी ब्लैकआउट के पीछे कोई बंदर है या फिर ये सरकार की लापरवाही का नतीजा है.

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