चंदौली : मुगलसराय नगर में 6 लेन सड़क निर्माण की मांग को लेकर पिछले एक महीने से आंदोलनरत नगरवासियों ने आज भारी संख्या में अनोखे ढंग से प्रदर्शन किया लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. जनता का आरोप है कि उनकी आवाज़ सुनने की बजाय जिम्मेदार अधिकारी इसे अनसुना कर अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं.
नगरवासियों द्वारा मुख्यमंत्री तक पत्र भेजे गए, पर लगता है जैसे इन पत्रों का प्रशासन ने कबाड़ समझकर निपटारा कर दिया हो.
शहर की जनता ने शंख, घंटी और थाली बजाकर रोष प्रकट किया
आज मंगलवार को नगरवासियों ने आर्य समाज मंदिर के सामने भारी संख्या में इकट्ठा होकर शंख, घंटी और थाली बजाकर अपनी आवाज बुलंद की. इस अनोखे प्रदर्शन का मकसद प्रशासन को जगाना था, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिम्मेदार अधिकारी जनता के इस रोष को भी अनदेखा करने पर तुले हुए हैं.
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक 6 लेन सड़क निर्माण की मांग पूरी नहीं हो जाती.
6 लेन का बजट, 4 लेन की हकीकत: स्थानीय प्रभावशाली नेताओं की करतूत?
नगरवासियों का आरोप है कि सरकार ने मुगलसराय में 6 लेन सड़क के लिए मंजूरी और बजट दे दिया था. लेकिन स्थानीय नेताओं के दबाव में इसे घटाकर 4 लेन किया जा रहा है, जो न केवल ट्रैफिक समस्या को बढ़ाएगा, बल्कि यह विकास के नाम पर जनता के साथ धोखा है. शर्मनाक बात यह है कि 4 लेन का निर्माण भी गुणवत्ता और मानकों के अनुरूप नहीं हो रहा। इससे स्पष्ट है कि यह काम सिर्फ खानापूर्ति और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है.
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जनता के हितों को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है. अब तक जिम्मेदार अधिकारी समस्याओं का समाधान करने में असफल साबित रहें. और समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा.
जनता के लिए नहीं, नेताओं के दबाव के लिए काम कर रहा प्रशासन?
प्रशासन की चुप्पी और कार्रवाई में देरी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह जनता के हित के बजाय स्थानीय नेताओं के हित साधने में जुटा हुआ है. सवाल यह उठता है कि अगर 6 लेन सड़क का बजट और मंजूरी है, तो फिर इसे 4 लेन तक सीमित करने का निर्णय क्यों? क्या यह जनता के साथ विश्वासघात नहीं?
नगरवासियों ने स्पष्ट कर दिया है कि 6 लेन सड़क से कम पर समझौता नहीं होगा. प्रशासन की उदासीनता पर जनता में गुस्सा चरम पर है. आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह लड़ाई उनके अधिकारों की है, और इसे तब तक जारी रखा जाएगा, जब तक प्रशासन उनकी मांगों को पूरा नहीं करता.