डॉग लवर्स हो जाएं सावधान! कुतों में फैल रहा पार्वो वायरस, जानें कैसे करें बचाव

हजारीबाग: अगर आपके घर में पालतू कुत्ता है तो सावधान हो जाइए. हो सकता है कि आपका पालतू कुत्ता पार्वो वायरस की चपेट में आ गया हो. अगर उसे दस्त हो रहे हैं और उसने खाना-पीना बंद कर दिया है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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दरअसल, झारखंड के हजारीबाग समेत कई जिलों में यह वायरस काफी सक्रिय है. सरकारी पशु चिकित्सालय में हर दिन 10 से ज्यादा संक्रमित कुत्ते लाए जा रहे हैं. वहीं निजी पशु चिकित्सालय में भी हर दिन एक दर्जन से ज्यादा संक्रमित कुत्ते पहुंच रहे हैं. अगर इन पालतू कुत्तों का समय पर इलाज नहीं किया गया तो उनकी मौत भी हो सकती है.

पेट क्लीनिक हजारीबाग के डॉक्टर मजहर उल हसन का भी कहना है कि यह बीमारी कुत्तों के लिए काफी खतरनाक है. कुत्ते इससे बहुत तेजी से संक्रमित होते हैं और फिर धीरे-धीरे कमजोर हो जाते हैं. यह एक कुत्ते से दूसरे कुत्ते में तेजी से फैलता है. जिसके कारण इसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है. यह वायरस संक्रमित कुत्ते के दूसरे कुत्ते के संपर्क में आते ही फैल जाता है.

उन्होंने आगे बताया कि यह संक्रमित कुत्ते के मल, उनके खाने या उनके संपर्क में आने से फैलता है. कुत्ते को संक्रमण होते ही वह खाना-पीना बंद कर देता है. उसे बार-बार उल्टी होती है. दस्त पतला होने लगता है. दस्त में खून आना इसकी पहचान है. इससे पीड़ित कुत्ता तीन-चार दिन में ही काफी कमजोर हो जाता है. इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी पशु अस्पताल से संपर्क करें. इस वायरस से बचने के लिए कुत्तों को साफ-सुथरी जगह पर घुमाएं. उन्हें पार्वो वैक्सीन जरूर लगवाएं.

कटकमसांडी प्रखंड के बेहिमार गांव से आए सुशील कुमार बताते हैं कि उन्होंने बचपन से ही देशी नस्ल के कुत्तों को पाला है. अचानक 7 दिन पहले कुत्ते ने खाना-पीना बंद कर दिया. फिर उसे पतला दस्त आने लगा, जिसमें काफी दुर्गंध आ रही थी. पिछले तीन दिनों से वह कुत्ते को इलाज के लिए अस्पताल ला रहे हैं. अब उसकी हालत में सुधार हो रहा है.

हाल के वर्षों में पार्वो वायरस कुत्तों के लिए सबसे बड़ी बीमारी के रूप में उभरा है. हर साल इसके प्रकोप से कई कुत्ते मर जाते हैं. सर्दियों के मौसम में यह वायरस कुत्तों में सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है. कुत्ते को वायरस से बचाने के लिए संक्रमित होने से पहले तो वैक्सिन दिया जाता है, लेकिन एक बार बीमारी हो जाने पर, इसके इलाज के लिए कोई वैक्सिन नहीं है.

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