Left Banner
Right Banner

एमपी में लहसुन के भाव में 10 गुना गिरावट, नीमच के किसान चिंता में..

मध्य प्रदेश की नीमच कृषि उपज मंडी में लहसुन के दामों में भारी गिरावट है. सही दाम नहीं मिलने की वजह से किसान परेशान हैं. निराश को होकर किसान मंडी से जा रहे हैं. बड़ी बात ये है कि इस बार लहसुन के दामों में पिछले साल की तुलना में 10 गुना गिरावट देखी जा रही है. लागत न निकलने की वजह से किसान चिंतित और परेशान हैं. बता दें, नीमच कृषि उपज मंडी में लहसुन खरीदी के लिए भी जानी जाती है. यहां बड़ी मात्रा में प्रदेश के अन्य जिलों से राजस्थान के साथ अन्य राज्यों से लहसुन यहां बिकने आती है. इसकी मुख्य वजह से यहां मिलने वाले उपज के अच्छे दाम हैं. मगर इन दिनों दामों में काफी गिरावट देखी जा रही है. पिछले वर्ष 50 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिकने वाला लहसुन अब 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है.

3 से 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा लहसुन

स्थानीय किसानों की मानें तो, नीमच कृषि उपज मंडी में लहसुन का औसत दाम करीब 6 से 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल बना  है, जहां बेस्ट क्वालिटी की लहसुन 9 हजार, तो सामान्य किस्म की लहसुन 3 से 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है. अभी ऊटी लहसुन की आवक ज्यादा हो रही है. कुछ दिनों बाद देसी लहसुन भी मंडी में आ जाएगा, तब हालात क्या होंगे ?

व्यापारियों का कहना है कि किसान एक साथ उपज मंडी में न लेकर आए, धीरे-धीरे लेंगे, तो दम भी बेहतर होंगे और काम भी होगा. लगातार बंपर आवक से भी दामों में गिरावट आ रही है. हालांकि, आने वाले दिनों में अब दाम अपेक्षाकृत उतने नीचे नहीं जाएंगे.  लहसुन के दामों में गिरावट को लेकर किसान और व्यापारियों से NDTV ने चर्चा की.

किसानों और व्यापारियों ने बताई ये वजह

1. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लहसुन की अधिक रकबे में बुवाई हुई है,जिससे लहसुन का अधिक उत्पादन हुआ है.
2. मंडी में लगातार लहसुन की बंपर आवक का होना भी दामों में गिरावट की एक प्रमुख वजह दिखाई दे रही है.
3.दामों में गिरावट को देखते हुए आगे और दाम नीचे न चले जाए, इस डर से किसान बड़ी मात्रा कच्ची पक्की लहसुन लेकर भी मंडी में आ रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छे दाम नहीं मिल रहे.
4. भारत के पड़ोसी देशों के रास्ते प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन का भारत के बाजार में लगातार चोरी छुपे आना.
5. लहसुन का विदेशों में बड़े पैमाने पर निर्यात न होना

किसानों की मांग 

  •  चायनीज लहसुन को देश में आने से सख्ती से रोका जाए. विदेशों से आने वाले सभी रास्तों पर सख्त निगरानी हो.
  •  भारत से विदेशों में अधिक से अधिक निर्यात किया जाए, ताकि दामों में उछाल आए. देश की अर्थव्यवस्था में भी मदद मिले.
  •  सरकार लहसुन का समर्थन मूल्य मिनिमम 15000 रुपये प्रति क्विंटल घोषित कर.

कम दामों का असर

किसानों को चिंता सताने लगी है कि जिस तरह लहसुन के दामों में लगातार गिरावट हो रही है, इसमें उन्हें मुनाफा और लागत निकलना, तो दूर की बात है. खेत में काम करने वाले मजदूरों को मजदूरी देना भी मुश्किल हो रहा है.

Advertisements
Advertisement