अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के दौरान चीन पर भी बातचीत हुई. इस दौरान भारत और चीन का सीमा विवाद रोकने के लिए ट्रंप ने मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया. अब भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि, ऐसे मुद्दों को लेकर भारत का नजरिया हमेशा द्विपक्षीय रहा है. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि, हमारे किसी भी पड़ोसी के साथ हमारे जो भी मुद्दे हैं, उन्हें हम द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझाएंगे.
वॉशिंगटन डीसी में डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चीन को लेकर यह प्रस्ताव दिया. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, “मैं भारत को देखता हूं, भारत-चीन सीमा पर भयानक झड़पें देखता हूं और मुझे लगता है कि ऐसा चलता रहता है. इस सबको रोकने के लिए अगर मैं कुछ मदद कर सकता हूं तो मुझे काफी खुशी होगी. यह सब लंबे समय से चल रहा है जो काफी हिंसक भी है.”
ऐसा पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की हो. ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान, दोनों विवादों के संबंध में मध्यस्थता की पेशकश की थी. भारत ने अभी की तरह पहले भी ट्रंप के इस प्रस्ताव को विनम्रता के साथ खारिज कर दिया था. हालांकि, जरूरी नहीं है कि, अब ट्रंप फिर ऐसा कोई प्रस्ताव न रखे. ट्रंप ने खुद को हमेशा शांति प्रिय नेता दिखाने की कोशिश की है और ऐसे में वह आगे भी भारत के सामने ऐसे प्रस्ताव रख सकते हैं.
टैरिफ मामले पर भी आया विदेश मंत्रालय का बयान
वहीं विदेश सचिव मिस्री ने टैरिफ को लेकर भी बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि, हम पिछले काफी समय से टैरिफ पर चर्चा सुन रहे थे. अब इस मुद्दे पर दोनों नेताओं ने बातचीत की है. दोनों पक्षों ने अपना-अपना नजरिया एक दूसरे के सामने रखा है.
मिस्री ने कहा कि, अब भारत और अमेरिका को द्विपक्षीय कारोबारी समझौते पर आगे बढ़ने का रास्ता मिल गया है. डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल से ही इस द्विपक्षीय कारोबारी समझौते पर आगे बढ़ना चाहते थे.
बता दें कि, साल 2020 में ट्रंप जब भारत दौरे पर आए थे तो दोनों देशों के बीच एक ट्रेड डील पर सहमति बनी थी लेकिन यह डील आगे नहीं बढ़ पाई. कुछ समय बाद डोनाल्ड ट्रंप भी सत्ता से बाहर हो गए और अमेरिका में जो बाइडन की सरकार आ गई थी.
वहीं अमेरिकी फाइटर जेट्स की खरीदारी के लिए ट्रंप के प्रस्ताव को लेकर मिस्री ने कहा कि, अभी इस प्रस्ताव का सिर्फ शुरुआती पड़ाव है. अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बात नहीं की गई है.
चीन के राष्ट्रपति को लेकर भी बोले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडिया टुडे के पत्रकार ने ट्रंप से पूछा था कि अगर आप भारत के साथ कारोबार को लेकर इस तरह की सख्ती दिखाते रहेंगे? तो चीन को कैसे मात दे पाएंगे? इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम किसी को भी मात दे सकते हैं लेकिन हमारा इरादा किसी को मात देने का नहीं है. हम सही दिशा में काम कर रहे हैं और अच्छा काम कर रहे हैं.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रति डोनाल्ड ट्रंप ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के साथ संबंधों को लेकर अन्य सवाल का जवाब देते हुए चीन को महत्वपूर्ण देश बताया. ट्रंप ने कहा कि, उन्हें लगता है कि चीन के साथ अमेरिका के साथ संबंध बहुत अच्छे होंगे.
ट्रंप ने आगे कहा कि, कोविड-19 से पहले तक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उनके अच्छे दोस्त थे. इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि, रूस और यूक्रेन युद्ध को खत्म करवाने में भी चीन अमेरिका की मदद कर सकता है.