Madhya Pradesh: रीवा में 45 करोड़ रुपये से अधिक लागत की अधोसंरचनाओं का होगा विकास

रीवा: उप मुख्यमंत्री  ने महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय रीवा कैंपस के अधोसंरचना विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए इसे एक प्रभावी शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की. यह संस्थान भारतीय संस्कृति, भाषा और परंपराओं के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। समीक्षा बैठक में एमपीबीडीसी के ईएनसी श्री अनिल श्रीवास्तव और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

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उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों को तेज गति से पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि, संस्कृत विश्वविद्यालय का विस्तार क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाएगा.

अधोसंरचना विकास में बड़े निवेश

पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय, रीवा कैंपस में कुल 45 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से आधुनिक अधोसंरचना का निर्माण किया जाएगा. इसमें निम्नलिखित प्रमुख निर्माण कार्य शामिल हैं:

  1. अकादमिक ब्लॉक: 8 करोड़ रुपये की लागत से 600 छात्र क्षमता वाला एक नया अकादमिक ब्लॉक तैयार किया जाएगा। यह आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित होगा.
  2. प्रशासनिक भवन: 4.80 करोड़ रुपये की लागत से प्रशासनिक भवन का निर्माण होगा, जिसमें सभी विभागों के कार्यालय और सम्मेलन कक्ष होंगे.
  3. बॉयज़ हॉस्टल: 6.42 करोड़ रुपये की लागत से 100 छात्रों की क्षमता वाला बॉयज़ हॉस्टल तैयार किया जाएगा। यह सुविधाजनक आवासीय सुविधाओं के साथ बनाया जाएगा.
  4. गर्ल्स हॉस्टल: 50 छात्राओं की क्षमता वाला गर्ल्स हॉस्टल भी बनाया जाएगा, जिसकी लागत 4 करोड़ रुपये से अधिक होगी.

सांस्कृतिक संवर्धन और शिक्षा में योगदान

संस्कृत विश्वविद्यालय रीवा कैंपस केवल एक शिक्षा संस्थान ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा के संरक्षण और प्रसार का केंद्र बनेगा. यहाँ न केवल पारंपरिक पाठ्यक्रम संचालित होंगे, बल्कि आधुनिक तकनीक और शोध कार्यों पर भी विशेष जोर दिया जाएगा.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विश्वविद्यालय संस्कृत के अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ क्षेत्रीय सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र बनेगा, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के माध्यम से यहाँ छात्रों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का विशेष प्रयास किया जाएगा.

योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर

बैठक में एमपीबीडीसी के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि सभी परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए. साथ ही, गुणवत्तापूर्ण निर्माण और पारदर्शिता बनाए रखने पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए.

संस्कृत विश्वविद्यालय रीवा कैंपस के विकास से न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर उत्पन्न होंगे, बल्कि यह सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक विकास का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा. इस पहल से पूरे क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है.

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