अमेरिकी व्हिस्की हुई सस्ती, कीमतों में 50% से ज्यादा की गिरावट..

भारत ने बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. अमेरिका के साथ व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की योजना की घोषणा के बीच यह कदम उठाया गया है. बॉर्बन व्हिस्की पर सीमा शुल्क में कटौती की अधिसूचना 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता से ठीक पहले की गई थी.

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हालांकि, अन्य शराबों के आयात पर मूल सीमा शुल्क में कोई कमी नहीं की गई है. उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगता रहेगा. अमेरिका भारत को बॉर्बन व्हिस्की का प्रमुख निर्यातक है और भारत में आयात की जाने वाली ऐसी सभी शराब का लगभग एक-चौथाई हिस्सा अमेरिका से आता है.

अमेरिका की फेमस व्हिस्की है बॉर्बन

बॉर्बन व्हिस्की अमेरिका की सबसे प्रसिद्ध और पारंपरिक व्हिस्की में से एक है. इसे मुख्य रूप से मक्का (कॉर्न) से बनाया जाता है और यह अपने मीठे, स्मोकी और वनीला जैसे फ्लेवर के लिए मशहूर है. अगर आप व्हिस्की के मीठे और स्मूथ फ्लेवर को पसंद करते हैं, तो बॉर्बन आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है. चाहे आप इसे सीधा पिएं या कॉकटेल में, यह हमेशा एक शानदार एक्सपीरियंस देता है.

कैसे बनती है बॉर्बन व्हिस्की

बॉर्बन एक प्रकार की अमेरिकन व्हिस्की है, जिसे खासतौर पर कम से कम 51% मक्का से डिस्टिल किया जाता है. इसे चार्ड ओक बैरल्स (जले हुए लकड़ी के पीपे) में एज किया जाता है, जिससे इसका स्वाद और रंग विकसित होता है. असली बॉर्बन व्हिस्की कहलाने के लिए इसे कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. कम से कम 51% मक्का (कॉर्न) से बनाना जरूरी बाकी के अनाज में जौ, राई या गेहूं हो सकते हैं.

25 लाख डॉलर की बॉर्बन व्हिस्की का हुआ आयात

राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि बॉर्बन व्हिस्की के आयात पर अब 150 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगेगा. भारत ने 2023-24 में 25 लाख डॉलर मूल्य की बॉर्बन व्हिस्की का आयात किया था. इसके प्रमुख निर्यातक देशों में अमेरिका, यूएई, सिंगापुर और इटली शामिल हैं. भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने का संकल्प लिया है.

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