म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने भारत के मजबूत लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया का बचाव किया. इसके साथ ही उन्होंने लोकतंत्र पर पश्चिमी देशों की दोहरी नीति को बेनकाब भी किया. जयशंकर ने इस पर असहमति जताई कि लोकतंत्र वैश्विक स्तर पर संकट में है. उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को रेखांकित किया.
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में ‘लाइव टू वोट अनदर डे: फोर्टिफाइंग डेमोक्रेटिक रेजिलिएंस’ पर चर्चा के दौरान जब विदेश मंत्री जयशंकर से पूछा गया कि क्या विश्व स्तर पर लोकतंत्र संकट में है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मैं इस पैनल में जितने भी लोग बैठे हैं, उसमें मैं सबसे आशावादी व्यक्ति हूं. यहां अधिकतर लोग निराशावादी दृष्टिकोण रखते हैं.
उन्होंने कहा कि मेरी उंगली पर मतदान का निशान है. जो निशान आप मेरे नाखून पर देख रहे हैं, वह उस व्यक्ति का निशान है जिसने अभी-अभी मतदान किया है. विदेश मंत्री दिल्ली चुनाव का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि पिछले साल नेशनल इलेक्शन था. इस चुनाव में 90 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 70 करोड़ लोगों ने मतदान किया था. हम एक ही दिन में वोटों की गिनती करते हैं.
VIDEO | Here's what External Affairs Minister S Jaishankar (@DrSJaishankar) said answering a question about whether democracy is in trouble worldwide.
"The mark on my index finger is a mark of a person who just voted. We just had an election in my state. Last year, we had a… pic.twitter.com/OCXHfJkMJ4
— Press Trust of India (@PTI_News) February 15, 2025
हमारे देश में लोकतंत्र जीवंत है- जयशंकर
जयशंकर ने आगे कहा कि आज दशकों पहले की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक लोग मतदान करते हैं. इसलिए, अगर कोई यह कहे कि लोकतंत्र वैश्विक स्तर पर संकट में है, तो मैं इससे पूरी तरह असहमत हूं. हमारे देश में लोकतंत्र जीवंत है, मतदान सही तरीके से हो रहा है और हम अपने लोकतांत्रिक मार्ग को लेकर आशान्वित हैं. हमारे लिए, लोकतंत्र ने वास्तव में परिणाम दिए हैं.