राजस्थान के जयपुर जिले में उर्दू को बंद करके संस्कृत विषय चालू करने का मामला अब तूल पकड़ रहा है. इसके मामले में अब राजनीतिक मोड़ आ गया है. स्थानीय कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा है कि इस फैसले का विरोध होगा और यह मामला कोर्ट और विधानसभा तक जाएगा. उनका कहना है कि संस्कृत टीचर का पद सृजित करना है तो करें लेकिन उर्दू को बंद नहीं किया जाना चाहिए.
राजस्थान के जयपुर में शिक्षा विभाग के एक आदेश के बाद राजनीति तेज हो गई है. जयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने महात्मा गांधी स्कूल आरएसी बटालियन को उर्दू विषय बंद करने और संस्कृत को तीसरे वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं. वहां उर्दू विषय बंद कर संस्कृत टीचर का पद सृजित करने के आदेश दिया गया है.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दिए आदेश
आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के निर्देश के बाद जारी किया गया है. निदेशालय की तरफ से जिला शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र में बताया गया है कि मंत्री मदन दिलावर ने संस्कृत का पद सृजित करने और उर्दू बंद करने के निर्देश दिए हैं. विद्यालय ने अपनी तरफ से प्रस्ताव भेज दिया है अब इस पर फैसला सरकार को करना है.
स्कूल में फिलहाल 323 बच्चे पढ़ रहे हैं. इनमें से 127 बच्चे वैकल्पिक भाषा के रूप में उर्दू पढ़ रहे हैं और 17 बच्चे संस्कृत. उर्दू के शिक्षक डेप्युटेशन पर लगाए गए थे, लेकिन छह महीने पर वे अपने मूल विद्यालय में लौट गए. वहीं. इस आदेश के बाद से विरोध तेज हो गया है. कांग्रेस विधायक रफीक खान ने इस फैसले का विरोध किया है.
उर्दू को बंद नहीं किया जाना चाहिए- रफीक खान
राजस्थान विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष रफीक खान ने कहा कि यह उनकी विधानसभा क्षेत्र का मामला है. जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक ने बताया कि वो ही इस स्कूल को अंग्रेजी मीडियम में कन्वर्ट कराया था. स्कूल में अभी 323 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें 127 उर्दू पढ़ने वाले छात्र हैं. उनका कहना है कि उर्दू को बंद नहीं किया जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो वह इसका विरोध करेंगे.