29 मार्च को साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो कि पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में देखा जाएगा। आंशिक होने के बावजूद भी यह ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होगी। ग्रहण के दौरान चांद की केंद्र छाया पृथ्वी के दक्षिण से होकर गुजरेगी। NASA के अनुसार, इस साल दो सूर्यग्रहण दिखाई देंगे। जिनमें से पहला 29 मार्च 2025 को होने जा रहा है, जबकि दूसरा 21 सितंबर 2025 को होगा। 29 मार्च का सूर्य ग्रहण किन देशों में देखा जा सकेगा, यह कितने बजे शुरू होगा और इसका असर दुनिया के किन हिस्सों पर पड़ेगा, आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो कि यूरोप, एशिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, और साउथ अमेरिका में दिखाई देगा। यह अटलांटिक महासागर से भी देखा जा सकेगा। यूरोप के अधिकतर हिस्सों में यह प्रभावी रूप से दिखेगा। वहीं, नॉर्थ अमेरिका में भी यह काफी अच्छी तरह से दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण 2:20 बजे शुरू होगा और 6:16 बजे पर समाप्त होगा।
NASA के अनुसार, इस साल दो सूर्यग्रहण दिखाई देंगे। जिनमें से पहला 29 मार्च 2025 को होने जा रहा है, जबकि दूसरा 21 सितंबर 2025 को होगा। सितंबर का सूर्य ग्रहण दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा। यह ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, पेसिफिक और अटलांटिक महासागर से देखा जा सकेगा।
नासा के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूरी तरह या आंशिक रूप से एक सीध में आ जाते हैं। ग्रहण कितना रोमांचक होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी किस तरह से एक सीध में आते हैं। इनकी स्थिति पर ही निर्भर करता है कि ग्रहण कितना प्रभावी होगा