Bangladesh News: बांग्लादेश में इस समय सियासी हलचल फिर से बढ़ गई है. शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने वाले छात्र आंदोलनकारी एक बार फिर उग्र होने के संकेत दे रहे हैं. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर बीएनपी और छात्र आंदोलन से जुड़े नेता चुनाव टालने का इल्जाम लगा रहे हैं.
बीएनपी के महासचिव रुहुल कबीर रिजावी ने कहा कि यूनुस सरकार जानकर चुनाव से बच रही है. यह लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है. इसी बीच छात्रा आदोलन से जुड़ी पार्टी ने यूनुस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द ही चुनाव का ऐलान नहीं हुआ तो सड़कों पर जोरदार तरह से आंदोलन होगा.
सरजिस आलम ने किया बड़ा ऐलान
ढाका ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बैसुम्य विरोधी छात्र आंदोलन के नेता सरजिस आलम ने अपने संगठन के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ उन्होंने राजनीति में उतरने की घोषणा कर दी. नारायणगंज में एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि अगर चुनाव के दौरान किसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ या फिर देरी की गई तो एक और जनक्रांति देखने को मिलेगी.इसके अलावा उन्होंने जनता से अपील की है कि वो लोकतंत्र बचाने के लिए सड़क पर उतरने के लिए तैयार रहें.
रूहुल कबीर रिजवी ने किया चुनाव कराने का आग्रह
बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने रविवार को सरकार से आग्रह किया कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की “खतरनाक योजना” को विफल करने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय चुनाव कराए.
रिजवी ने बीएनपी के संस्थापक जियाउर रहमान की कब्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कहा, “शेख हसीना एक खतरनाक योजना के साथ घात लगाए बैठी हैं. इस साजिश को विफल करने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय चुनाव होने चाहिए.” उन्होंने दावा किया कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार चुनाव में देरी कर रही है. उन्होंने कहा कि देश स्वतंत्र, निष्पक्ष और तटस्थ चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.