Bank Fraud: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED का बड़ा एक्शन, 30.71 करोड़ रुपये की संपत्ति SBI को लौटाई

Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मेसर्स शीतल रिफाइनरीज लिमिटेड और अन्य से जुड़ी 30.71 करोड़ रुपये की संपत्ति भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को वापस कर दी है. ये कार्रवाई बैंक से धोखाधड़ी के माध्यम से लिए गए पैसे को वापस दिलाने के उद्देश्य से की गई है.

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मेसर्स शीतल रिफाइनरीज लिमिटेड पर आरोप है कि उसने बैंकों से लिए गए कर्ज का गलत तरीके से इस्तेमाल किया. कंपनी ने एसबीआई और अन्य बैंकों से करोड़ों रुपये का कर्ज लिया, लेकिन बाद में उस कर्ज की वसूली नहीं की. जब बैंक ने कर्ज वसूलने की कोशिश की तो सामने आया कि कंपनी ने धोखाधड़ी की है और उस पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है.

CBI जांच में फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए कर्ज लेने का खुलासा

इस मामले की जांच पहले सीबीआई ने की थी जिसमें ये पाया गया कि कंपनी ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स के माध्यम से बैंकों से कर्ज लिया था और उस पैसे का गलत इस्तेमाल किया. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मामले की जांच शुरू की और इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला करार दिया.

ED ने 30.71 करोड़ रुपये की संपत्ति एसबीआई को लौटाई

ईडी ने अपनी जांच के दौरान कंपनी और उसके संबंधित व्यक्तियों की संपत्तियों का पता लगाया और उन्हें जब्त किया. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई करते हुए इन संपत्तियों को बैंक को वापस करने की प्रक्रिया शुरू की. अब ईडी ने सफलतापूर्वक 30.71 करोड़ रुपये की संपत्ति एसबीआई (SBI) को लौटा दी है.

बैंकिंग धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

सरकार आर्थिक अपराधियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है. पिछले कुछ सालों में ईडी ने ऐसे कई मामलों में बड़ी कार्रवाई की है जहां बैंकों से धोखाधड़ी के जरिए पैसे निकाले गए थे. सरकार का ये कहना है कि जो भी लोग बैंकिंग सिस्टम से धोखा करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जनता का पैसा वापस लाया जाएगा. ये मामला भी सरकार की इस नीति का हिस्सा है जिसके तहत बैंकों से ठगी किए गए करोड़ों रुपये अब वापस आ रहे हैं.

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