Uttar Pradesh: सहारनपुर अखिलेश यादव का बीजेपी पर तीखा हमला: बजट में मायूसी, कुंभ में बहा दिया पैसा, किसान और नौजवान बेहाल

Uttar Pradesh: सहारनपुर सपा मुखिया एवं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा-सदन आज शुरू हो रहा है. दिल्ली का सदन भी देखा होगा, जो बजट आया, वो मायूसी वाला बजट था. यदि किसी से व्यक्तिगत पूछे तो उनके लिए बजट में क्या हैं, वो शायद नहीं बता पाएंगे? ये भी बजट सत्र है, देश के बजट से लोगों को बहुत उम्मीद थी. वो उम्मीद पूरी नहीं हुई. मायूसी सी रही. प्रदेश क्या दे देगा नया? जब प्रदेश की सरकार सब पैसा कुंभ में लगा देगी. फिर किसान के लिए क्या होगा? अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए खेती, किसान और उससे संबंधित योजनाएं बनेगी और उनकी मदद होगी तो हमार देश भी खुशहाल होगा.

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सपा मुखिया ने कहा-किसान को क्या मिला? क्या गन्ने की कीमत बढ़ गई, क्या उनकी कीटनाशक दवाई सस्ती हो गई? खाद, डीएपी या ओर आवश्यक चीजे क्या किसान को मिल रही है? ये वहीं सरकार है, जिसने ये कहा-हम आय दोगुनी कर देंगे. उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा-जानवरों से तो खेती बचानी पड़ रही है. कोई स्थान सरकार ने नहीं बताया जहां आय दोगुनी हो जाएगी. हमारे किसान की हालत क्या है, ये किसी से छिपा नहीं है. इस प्रकार हमारा नौजवान भी बड़े पैमाने पर बेरोजगार हो रहा है. न नौकरी और न रोजगार. उन्होंने कहा-जो ये कहते थे कि हम 5 ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी बनाएंगे. जो ये कहते थे हम विश्व गुरु बन गए है, जो ये कहते थे कि हम तीन नंबर की अर्थव्यवस्था बहुत जल्दी बन जाएंगे। जो ये कहते थे कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है. क्या किसी देश में अपने नागरिकों पर देखा होगा. बेडिया और हथकड़ियां लगाकर आए हो. उनको कितने घंटे तक वॉशरूम इस्तेमाल नहीं करने दे रहे हैं.

अखिलेश यादव ने कहा-जो नौजवान है वो बेडिया नहीं खोल सकते हैं. महिलाओं के साथ व्यवहार क्या हुआ है? अगर हम धार्मिक रूप से किसी चीज को अपनाते हैं। या वो हमारा पहनावा है, तो उससे भी छेड़खानी धर्म के हिसाब से की जा रही है, हमारे धर्म के हिसाब से चलने नहीं दिया जा रहा है. दुनिया का सबसे ताकतवर देश, जिसे ये सरकार अपना मित्र बोलती थी. क्या उस ताकतवार देश ने हमारे देश के लोगों को अपमानित करने का काम नहीं किया. क्या दुनिया में डंका नहीं बज गया, बेडियों और हथकड़ियों का. मैंने सदन में कहा था कि, पिछली बार हीरा लेकर गए थे. इस बार हथकड़िया, बेडिया या चैन ले जाते. जिससे सरकार को याद आ जाता कि ये सरकार हमारे नागरिकों के साथ क्या व्यवहार कर रही है.

 

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