कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज का पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ विवादित बयान देने के बाद सियासी पारा हाई हो गया है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता और राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने उदित राज पर जोरदार पलटवार किया यूपी पुलिस से मांग की कि उन्हें 24 घंटे के भीतर अरेस्ट किया जाए. खुद मायावती ने भी उदित की जमकर आलोचना की है.
उदितराज ने सोशल मीडिया X पर अपने एक वीडियो पोस्ट में कहा, “कृष्ण ने कहा था कि न्याय के लिए लड़ो, जरूरत पड़े तो अपने सगे संबंधियों को भी मार दो. बसपा की चीफ मायावती ने जो सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा है, अब उनका गला घोंटने का वक्त आ गया है.” इस पर आकाश आनंद ने अपने लंबे पोस्ट में उदित राज को कांग्रेस का चमचा करार दिया.
स्वार्थ के लिए कुख्यात रहे हैं उदितः आकाश
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने कहा, “लखनऊ में मान्यवर कांशीराम के कुछ पुराने सहयोगी और कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेसी चमचे उदित राज ने साहेब के मिशन पर लंबा चौड़ा ज्ञान दिया है. जबकि उदित अपने स्वार्थ के लिए दूसरे दलों में मौका तलाशने के लिए कुख्यात रहे हैं. उसे बहुजन मूवमेंट की चिंता सिर्फ इसलिए है ताकि वो किसी दल की चमचागिरी कर के सांसद या विधायक बन सके. इसका बहुजन समाज के उत्थान से कोई लेना देना नहीं है.”
उन्होंने आगे कहा, “आज इसकी भाषा में जिस तरह की धमकी है वो हम बहुजन मिशन के करोड़ों सिपाहियों को कतई बर्दाश्त नहीं है.” आकाश ने पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए कहा, “मैं यूपी पुलिस से साफ कहना चाहता हूं कि वह अगले 24 घंटे में इन अपराधियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्यवाही करे नहीं तो देश का बहुजन युवा चुप बैठने वाला नहीं है, इनको सबक सिखाना मुझे अच्छे से आता है.”
आकाश के बाद मायावती ने भी साधा निशाना
आकाश के बाद खुद मायावती भी उदित राज के बयान के बाद X पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, “बाबा साहेब डाक्टर भीमराव आंबेडकर के जीतेजी और उनके निधन के बाद भी, करोड़ों शोषित-पीड़ित दलितों और बहुजनों के लिए उनके आत्म-सम्मान के मानवतावादी संघर्ष का हर स्तर पर तिरस्कार करने वाली खासकर कांग्रेस पार्टी कभी भी इनकी सोच-नीतियों पर खरी व विश्वसनीय नहीं हो सकती.”
उदित राज का नाम लिए बगैर दलबदलू शब्द का इस्तेमाल करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, “कुछ दलबदलू अवसरवादी और स्वार्थी दलित लोग अपने आकाओं को खुश करने के लिए जो अनर्गल बयानबाजी आदि करते रहते हैं, उनसे भी बहुजन समाज को सावधान रहने तथा उन्हें गंभीरता से नहीं लेने की जरूरत है क्योंकि वे ‘सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’ मूवमेंट से अनभिज्ञ और अपरिचित हैं.”