3 साल की मासूम से दरिंदगी करने वाले नाबालिग लड़के को 20 साल जेल की सजा, जज ने कही ये बात

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक 15 साल के किशोर ने एक 3 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था, जिसकी अब उसे कोर्ट ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने उसे 20 साल की जेल की सजा सुनाई है. 15 साल के आरोपी का नाम शुभम रावत है, जिसे पॉक्सो कोर्ट ने तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में 20 साल जेल की सजा सुनाई. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने ये फैसला सुनाया.

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कोर्ट ने किशोर न्याय बोर्ड के फैसले का संज्ञान लेते हुए दोषी को कठोरतम सजा सुनाई. इस मामले की जांच के लिए बनी कमेटी ने तमाम तरह के परीक्षण के बाद एक फैसला लिया कि अपराधी किशोर है, लेकिन उसकी मानसिक और शारीरिक क्षमता वयस्क अपराधी की तरह थी. इसलिए उसे इस जुर्म के लिए कड़ी सजा मिलनी चाहिए. कमेटी के इस फैसले को आधार बनाकर ही कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई.

पूर्व डीजीपी ने क्या कहा?

कोर्ट ने सजा सुनाते समय ये कहा कि पीड़िता की आयु 12 साल से कम होने की वजह से आईपीसी की धारा 367 के तहत 20 साल से लेकर आजीवन कारावास तक कि सजा के साथ जुर्माने का प्रावधान है. कोर्ट के इस निर्णय को पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने एक नजीर बताया है. पूर्व डीजीपी ने कहा कि जो लोग या संस्थाएं इस फैसले के खिलाफ बोल रहे हैं. वो एक बार ये सोच कर देखें कि बच्ची अगर उनके घर की होती तो क्या होता?

पहले आजीवन कारावास हुई

विक्रम सिंह ने कहा कि ये कोई पहली बार नहीं है जो ऐसा फैसला आया है. आशियाना सामूहिक दुष्कर्म मामले में किशोर उम्र के अपराधी को वयस्क मानकर सजा सुनाई गई थी. कानपुर में नाबालिग की हत्या के मामले में भी 16 साल के किशोर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. कोर्ट कई बार ऐसे फैसले सुनाता है जिससे कि अपराधियों के मन में कानून का खौफ पैदा हो.

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