एग्जाम हॉल के प्रेशर को कम करने के लिए अपनाएं ये असरदार तरीके, एक्सपर्ट की सलाह..

बच्चों के एग्जाम अब शुरु होने में कुछ ही समय बाकी है. जैसे-जैसे एग्जाम नजदीक आते हैं वैसे ही बच्चों में इसे लेकर स्ट्रेस बढ़ने लगता है. ऐसे में पढ़ाई करना भी बहुत मुश्किल हो जाता है. कक्षा चाहे कोई भी हो लेकिन एग्जाम पास आते ही बच्चे और पेरेंट्स दोनों ही पढ़ाई को लेकर स्ट्रेस में रहते हैं. कोर्स कंप्लीट करने और रिजल्ट को लेकर काफी चिंता रहती है और इसके अलावा एग्जाम के दौरान हॉल में भी ये स्ट्रेस और प्रेशर कम नहीं होता है.

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एग्जाम हॉल में स्ट्रेस और प्रेशर को कम करना जरूरी हैं जिससे की आपका ध्यान एग्जाम पर हो. जब हम स्ट्रेस फ्री होंगे, तभी सही से एग्जाम दे पाएंगे. इसके लिए आप एक्सपर्ट द्वारा बताए इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं.

एग्जाम से पहले

जयपुर की साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर अनामिका पापड़ीवालने बताया कि एग्जाम से एक घंटा पहले पढ़ाई बंद कर दें. एक घंटे में नया आसानी से नहीं सीख पाएंगे, लेकिन अगर आपको कोई टॉपिक ऐसा मिल गया जिसके बारे में आपको नहीं पता, तो ये स्ट्रेस का कारण बन सकता है. वहां पहुंचने के बाद दूसरे स्टूडेंट्स से परीक्षा के बारे में बात न करें.

एग्जाम के दौरान

एग्जाम देते समय सबसे पहले तो शांति से प्रश्न पत्र को ध्यान से पढ़ें और समझें, उस टाइम को मैनेज करें, साथ ही सबसे आसान, छोटे और जो प्रश्न आपको सही से आते हैं उसका उत्तर पहले लिख लें. इससे आपका टाइम वेस्ट नहीं होगा.

अपने शब्दों में लिखें

मुश्किल प्रश्नों को अपने शब्दों में लिखना भी सही रहेगा. लेकिन आपको सावधान रहना चाहिए कि लिखते समय उसका अर्थ न बदल जाए. अगर प्रश्न ज्यादा मुश्किल लग रहा है, तो आप उसका उत्तर लास्ट में भी लिख सकते हैं. इसके अलावा जैसे आप गणित के किसी प्रश्न हल कर रहे हैं और वो मुश्किल है तो इसे भी दोबारा चेक कर सकते हैं.

लिखने से पहले

किसी भी प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले आप उसके बारे में विचार करें और उसे सही से लिखें. इससे आपको क्लैरिटी मिल सकती है. इसलिए एग्जाम से पहले एक माइंड मैप बनाएं. मुख्य बिंदुओं को पहचानें और सही शब्दों का उपयोग करें जैसे कि आपल समझाने के लिए उदाहरण भी दे सकते हैं.

पॉजिटिव विचार

एग्जाम के समय से ही रिजल्ट को लेकर काफी टेंशन होती है. लेकिन इस दौरान आप नेगेटिव विचार को अपने मन में न लाएं. अगर आप एग्जाम के दौरान नकारात्मक रूप से सोचने लगते हैं, जैसे “मैं यह नहीं कर पाऊँगा” या “मैं असफल हो जाऊँगा”, तो यह तनाव को बढ़ा सकता है. इसके बजाय, यह सोचें कि आपने पहले ही बहुत मेहनत की है और आप इस परीक्षा को भी अच्छे से दे सकते हैं.

रिलैक्सेशन तकनीक

एक्सपर्ट का कहना है कि जब भी आपको एग्जाम हॉल में तनाव महसूस हो तब आप रिलैक्सेशन तकनीक भी अपना सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि गहरी सांसें लें और प्रत्येक सांस छोड़ते समय तनाव को बाहर छोड़ें और रिलैक्स महसूस करें. कल्पना करें कि आप शांतिपूर्ण और आरामदायक जगह पर शांति से बैठे हैं. इससे आपको एग्जाम के प्रेशर से रिलेक्स मिल सकता है.

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